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आयोध्या: राममंदिर ट्रस्ट की पहली ही बैठक में मतभेद, दिगंबर अखाड़ा के प्रमुख सुरेश दास ने जताई नाराजगी

हाईलाइट
- सुरेश दास ने कहा- ट्रस्ट में गोरक्षनाथ पीठ को दरकिनार किया गया
- महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना
- मंदिर निर्माण कब शुरू होगा फिलहात तय नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली ही बैठक के बाद मतभेद के स्वर उठने लगे हैं। बुधवार को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 स्थित ट्रस्ट के पते पर हुई बैठक के बाद दिगंबर अखाड़े के प्रमुख सुरेश दास ने ट्रस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरक्षनाथ पीठ दोनों को ही नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिगंबर अखाड़े की भूमिका मंदिर आंदोलन में सबसे प्रमुख रही है। गोरखपुर का गोरक्षनाथ पीठ और उनके महंत की अहम भूमिका रही है, लेकिन इन सबको अनदेखा कर दिया गया। बड़ी बात ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इससे अलग रखा गया।
सुरेश दास ने कहा कि दिगंबर अखाड़ा भिखमंगा नहीं, जिसे इस ट्रस्ट से कुछ चाहिए हो। सुरेश दास ने अध्यक्ष बनाए जाने पर महंत नृत्यगोपाल दास को शुभकामनाएं दीं, लेकिन अपनी नाराजगी भी खुलकर जाहिर कर दी। ऐसे में अब देखना होगा कि उनके बयान को ट्रस्ट के पदाधिकारी कैसे लेते हैं।
First meeting of the Ram Mandir Trust; Nitya Gopal Das named President of the Trust https://t.co/6S7jl4Ag3x
— ANI (@ANI) February 19, 2020
महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना
बता दें कि बुधवार को बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया, जबकि विश्व हिंदू परिषद नेता चंपत राय महासचिव बनाया गया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नियुक्त किए गए, जबकि कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गोविंद गिरी को मिली।
मंदिर निर्माण कब शुरू होगा फिलहात तय नहीं
इस बैठक में 9 प्रस्ताव पारित किए गए। मंदिर निर्माण कब से शुरू होगा इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। अब अगली बैठक अयोध्या में होगी जिसमें मंदिर निर्माण की तारीख को तय किया जा सकता है। बैठक में फैसला हुआ कि अयोध्या में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ट्रस्ट का खाता खोला जाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष चुने गए महंत नृत्य गोपाल ने बैठक के बाद कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा और जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण होगा।
Nitya Gopal Das, President of Ram Mandir Trust: Logon ki bhavna ka aadar kiya jaayega. Jaldi se jaldi mandir ka nirman hoga pic.twitter.com/z0R14CLPrC
— ANI (@ANI) February 19, 2020
हनुमानगढ़ी के महंत को बैठक में नहीं किया शामिल
बैठक के दौरान वैष्णव वैरागी अखाड़ों की निर्वाणी अणी के महंत और अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास भी पहुंचे, लेकिन उन्हें बैठक में शामिल नहीं किया गया। उन्हें बैठक कक्ष के बाहर ही एक अन्य कमरे में बैठा दिया गया। महंत धर्मदास काफी समय से ट्रस्ट में शामिल होने की मांग कर रहे थे। वो पुजारी बनना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने ट्रस्ट में शामिल न करने और रामलला की सेवा पूजा का अधिकार न देने की सूरत में अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
हिंदुस्तान का यहां इतिहास लिखा गया: चंपत राय
बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव नियुक्त हुए विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय भावुक नजर आए। उन्होंने ट्रस्ट की पहली बैठक को सैकड़ों वर्षों के ऐतिहासिक भूल का सुधार करार दिया। राय ने बताया कि 14 ट्रस्टी आज यहां उपस्थित थे। हिंदुस्तान का आज यहां इतिहास लिखा गया। 490 साल के ऐतिहासिक भूल का आज परिमार्जन हुआ।
बैठक में ये मौजूद रहे
बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास, महंत दिनेन्द्र दास, गृह मंत्रालय से संयुक्त सचिव ज्ञानेश कुमार, होम्योपैथ डॉ. अनिल कुमार मिश्रा, चंपत राय (VHP), शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, यूपी के अपर प्रधान गृह सचिव अवनीश अवस्थी, परमाननंद जी महाराज, अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा, कामेश्वर चौपाल, पेजावर मठ के प्रमुख विश्वप्रसन्न तीर्थ स्वामी, पुणे के स्वामी गोविंद देव गिरी और अयोध्या के राज परिवार के विमलेंद्र मोहन मिश्र मौजूद है।
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