इंटरपोल की रडार पर बांग्लादेशी मानव तस्कर

Bangladeshi human smuggler on Interpols radar
इंटरपोल की रडार पर बांग्लादेशी मानव तस्कर
इंटरपोल की रडार पर बांग्लादेशी मानव तस्कर
हाईलाइट
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ढाका, 13 नवंबर (आईएएनएस)। इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस संगठन (इंटरपोल) की रेड नोटिस लिस्ट में 70 से अधिक बांग्लादेशी मानव तस्करों का नाम शामिल किया गया है। बांग्लादेश ने खुद इन तस्करों का विवरण संगठन के साथ साझा किया है।

इन तस्करों में एक ऐसा शख्स भी शामिल है, जिसे रैकेट का किंगपिन भी माना जाता है, जिसका नाम मिंटो मिया है। मिया, इस सप्ताह के पहले भगोड़े की सूची में नामित बांग्लादेशी तस्कर है। उसका वर्णन नौकरी चाहने वालों को धोखा देने और गलत तरीके से फिरौती मांगने, लोगों को भ्रमित करने और हत्या जैसे कुकृत्य करने वाले व्यक्ति के तौर पर किया जाता है।

वर्तमान में इस सूची में दुनियाभर के 7,368 अपराधियों का नाम शामिल किया गया है।

इंटरपोल के अनुसार, 41 वर्षीय मिया बांग्लादेश में किशोरगंज जिले का निवासी है।

बांग्लादेश पुलिस के सीआईडी के विशेष अधीक्षक सैयदा जन्नत आरा ने कहा, वह उन तस्करों में से एक है, जिसे बांग्लादेश ने इंटरपोल को अपनी सूची में जोड़ने के लिए कहा है और कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसे ढूंढना और गिरफ्तार करना चाहती है।

पुलिस ने कहा कि ये जालसाज बांग्लादेश के लोगों को विदेशों में लुभावने काम दिलाने का वादा करके उनसे पैसे ऐंठता है। लेकिन वास्तव में शुरुआती राशि लेने के बाद ये तस्कर पीड़ितों को लीबिया में बंधक बनाकर रखता है और उन्हें अधिक पैसे के लिए प्रताड़ित करता है।

जन्नत आरा ने कहा, इंटरपोल पर उनके विवरणों को रखना उनके गतिविधियों को प्रतिबंधित करेगा, क्योंकि वे वांछित होंगे; कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस देश में जाते हैं।

लीबिया में बांग्लादेश दूतावास के एक श्रम सलाहकार अशरफुल इस्लाम ने कहा, मुझे लगता है कि इंटरपोल तक पहुंचना एक सराहनीय पहल है।

उन्होंने आगे कहा, उम्मीद है कि यह मुख्य दोषियों को गिरफ्तार करने में मदद करेगा और बांग्लादेशियों का यहां से तस्करी होने से रोकेगा .. यह कदम कितना प्रभावी होगा यह देखने के लिए हमें इंतजार करना होगा।

संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी आईओएम ने अनुमान लगाया है कि यूरोप के लिए एक प्रवेश द्वार माने जाने वाले लीबिया में करीब 20,000 बांग्लादेशी प्रवासी हैं, जो कि प्रवासी आबादी का लगभग तीन प्रतिशत है।

तीन महीने तक तस्करों के कब्जे में रहने के बाद साल 2018 में लीबिया से बांग्लादेश लौटे हसन ने तस्करों को पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद लेने के पुलिस के फैसले की सराहना की।

42 वर्षीय व्यक्ति ने कहा, अगर पुलिस चाहती है, तो मैं तस्करों को पकड़ने में उनकी मदद करूंगा, क्योंकि इससे गुजरने का दर्द क्या होता है वह पता है .. दो साल हो गए हैं, और मुझसे छीने गए पैसे उनसे वसूलना बाकी है।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   13 Nov 2020 4:01 PM IST

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