बेंगलुरु की सबसे बड़ी झील में लगी आग, करीब 5 हजार जवानों ने पाया आग पर काबू

बेंगलुरु की सबसे बड़ी झील में लगी आग, करीब 5 हजार जवानों ने पाया आग पर काबू

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु।  बेंगलुरु की सबसे बड़ी झील बेलांदुर प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर है। इस बीच शुक्रवार को झील में भीषण आग लग गई। फायर ब्रिग्रेड के अधिकारियों के मुताबिक ये आग झील के बीच के हिस्से में लगी थी। स्थानीय लोगों ने सीवेज, रसायनों और मलबे से भरी झील से धुएं का गुबार निकलते हुए देखा। सूचना मिलने पर प्रशासन आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गया। आग कितनी भीषण थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस पर काबू पाने में सेना के करीब 5 हजार जवानों को 10 घंटों तक कड़ी मश्क्कत करनी पड़ी। 

आमने सामने आए विभाग

झील में आग कैसे लगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह 10 से 10.30 बजे के बीच ही धुंए के गुब्बारे दिखने लगे थे लेकिन दोपहर के बाद आग तेजी से फैली। प्रशासन का कहना है प्रथम दृष्टया किसी के झील के आस-पास के क्षेत्र में सूखी घास को जलाने के कारण आग लगी। कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और रक्षा विभाग भी आमने सामने आ गए है। दोनों ही विभाग एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे है। केएसपीसीबी के अध्यक्ष लक्ष्मण ने आरोप लगाया कि रक्षा विभाग की जमीन से आग लगनी शुरू हुई और झील के इलाके में फैल गई। रक्षा विभाग ने कहा कि आग झील के क्षेत्र में लगी ना कि उसकी भूमि पर। 

एक हजार एकड़ में फैली है झील

इंफोटेक हब के पास 1,000 से अधिक एकड़ में फैली यह झील अत्यधिक दूषित है। शहर में पैदा होने वाले मल का 60 फीसदी हिस्सा इस झील में आता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि झील में आग लगी हो लेकिन प्रशासन की ओर से किसी तरह के ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। बेलांदुर झील में मई 2015, अगस्त 2016 में भी आग लगी थी। झील को लेकर सिविक एजेंसियों की उदासीनता चिंताएं पैदा कर रही हैं। बेंगलुरु की इस झील को उसका प्राचीन गौरव वापस दिलाने के लिए NGT ने सरकार और विभिन्न एजेंसियों को फटकार भी लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद झील की हालत बदतर बनी हुई है।

पानी की होगी जांच

बेंगलुरू के मेयर आर संपत राज ने आग लगने की वजह जानने के लिए इस झील के पानी की टेस्टिंग कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह आग रसायनों के इकट्ठा होने का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पानी के नमूने एकत्रित किए जाएंगे और आग लगने की वजह का पता लगाने के लिए इनकी जांच की जाएगी। 

Created On :   20 Jan 2018 12:24 PM IST

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