कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप पर मंडराया कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा! WHO ने किया आगाह, कतर में बढ़ रही है मरीजों की संख्या, जानिए क्या है ये रोग?

Between FIFA World Cup 2022, a dangerous disease like Corona can spread from Qatar to the world, WHO also expressed apprehension
कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप पर मंडराया कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा! WHO ने किया आगाह, कतर में बढ़ रही है मरीजों की संख्या, जानिए क्या है ये रोग?
वर्ल्ड कप पर मंडराया खतरा! कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप पर मंडराया कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा! WHO ने किया आगाह, कतर में बढ़ रही है मरीजों की संख्या, जानिए क्या है ये रोग?
हाईलाइट
  • इस बीमारी की वजह से 858 लोगों की मौत हो चुकी है। 

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। फीफा वर्ल्ड कप 2022 मध्य पूर्व के देश कतर में खेला जा रहा है। फुटबॉल प्रेमियों का सबसे पसंदीदा टूर्नामेंट 20 नवंबर से यहां पर चल रहा है। इसी बीच आई एक रिपोर्ट ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैमल फ्लू तेजी से पैर पसार सकता है। 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने भी इस बीमारी को लेकर चिंता जाहिर की है। WHO के विशेषज्ञों ने भी माना है कि मिडिल ईस्ट में कैमल फ्लू यानी रेस्पिरेटरी सिंड्रोम एमईआरएस नामक घातक बीमारी फैलने की आशंका जाहिर की है।      

दुनिया भर में फैल सकता है कैमल फ्लू?

विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि अगर तेजी से कैमल फ्लू फैलता है तो पूरी दुनिया इस बीमारी के चपेट में आ सकती है। दरअसल न्यू माईक्रोब्स और न्यू इंफेक्शनस जनरल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना और मंकीपॉक्स जैसी बीमारियों का खतरा टला नहीं है इसके बावजूद भी कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसे में कतर में कैमल फ्लू का खतरा और भी बढ़ जाएगा। फीफा वर्ल्ड कप में 12 लोग इसका हिस्सा बनेंगे। अधिक संख्या में लोगों के इकट्ठा होने से यह वायरस तेजी से फैल सकता है। 

एक रिपोर्ट की मानें तो कैमल फ्लू का पहला मामला साल 2012 में साऊदी अरब में सामने आया था। इसके बाद अरब देशों में इसके मामले लगातार बढ़ते गए। एक रिपोर्ट के अनुसार बीते कुछ सालों में कैमल फ्लू के मामले 27 देशों में सामने आ चुके हैं इस बीमारी की वजह से 858 लोगों की मौत हो चुकी है। 

क्या है कैमल फ्लू? 

कैमल फ्लू एक वायरस ही है जो ऊंटो से इंसानों में फैलता है। खाड़ी देशों में जहां पर ऊंटो का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है वहां पर इसके फैलने के चांस ज्यादा होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक कतर में अब तक इसके 28 मरीज सामने आ चुके हैं।  

इस बीमारी के लक्षण

कैमल फ्लू के लक्षणों में प्रमुख रूप से बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और दस्त लगना आदि हैं। इसके साथ ही इसका अधिक खतरा किडनी के मरीज, बुजुर्गों, और शुगर के मरीजों को हो सकता है। 
 

Created On :   28 Nov 2022 1:19 PM GMT

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