अधिकांश भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में कर रहे बाइडन का समर्थन, ट्रंप ने भी बनाई बढ़त

Biden supports majority of Indian presidential elections; Trump also leads
अधिकांश भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में कर रहे बाइडन का समर्थन, ट्रंप ने भी बनाई बढ़त
अधिकांश भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में कर रहे बाइडन का समर्थन, ट्रंप ने भी बनाई बढ़त
हाईलाइट
  • अधिकांश भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में कर रहे बाइडन का समर्थन
  • ट्रंप ने भी बनाई बढ़त

नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के समुदाय का डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के प्रति अधिक झुकाव देखने को मिला है। इसी पार्टी से भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। हालांकि भारतीय मूल के लोगों का समर्थन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति भी पहले से दोहरे अंकों (डबल डिजिट) में बढ़ा है। एक मतदाता सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

एशियन अमेरिकन वोटर सर्वे (एएवीएस) के अनुसार, 66 प्रतिशत भारतीय अमेरिकी बाइडन के समर्थन में हैं, जबकि 28 प्रतिशत ट्रंप का साथ दे रहे हैं।

लेकिन 2016 के बाद से ट्रंप के समर्थन में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अगर वर्ष 2016 के चुनावों की बात करें तो नेशनल एशियन अमेरिकन सर्वे के अनुसार, ट्रंप के सामने डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर राष्ट्रपति पद की उम्मीदावर हिलेरी क्लिंटन को 77 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी वोट मिले, जबकि ट्रंप को अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के महज 16 प्रतिशत वोट ही हासिल हो सके थे।

पिछले चार वर्षों में डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन में 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

हालांकि भारतीय-अमेरिकियों के बीच ट्रंप के मुकाबले बाइडन अभी भी 38 प्रतिशत के मार्जिन के साथ काफी आगे बने हुए हैं।

रियलक्लियर पॉलिटिक्स का राष्ट्रीय चुनावों का एकत्रीकरण में बुधवार को बिडेन को केवल 5.9 प्रतिशत की बढ़त के साथ दिखाया, जबकि ट्रम्प के लिए 43.1 प्रतिशत की तुलना में 49 प्रतिशत समर्थन था।

ओहियो राज्य विधायिका के एक रिपब्लिकन सदस्य नीरज अंटानी ने मंगलवार को रिपोर्ट के विमोचन के दौरान एक पैनल चर्चा में बोलते हुए भारतीय अमेरिकियों के बीच ट्रंप का समर्थन बढ़ने के लिए फरवरी में उनकी भारत यात्रा और प्रधानमंत्री के साथ उनकी दोस्ती को कारण बताया।

उन्होंने कहा, उन मुद्दों पर बिडेन के विरोध ने समुदाय का ध्रुवीकरण किया है।

बता दें कि सीएए (नागरिकता संसोधन अधिनियम), कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और अन्य मुद्दों पर बाइडन ने इसका विरोध किया था।

डेमोक्रेटिक सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, डेमोक्रेट्स के लिए यह चिंता करने वाली बात है। बाइडन अभियान को विशेष रूप से चौकस होने की आवश्यकता है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक मजबूत आउटरीच का संचालन करना चाहिए। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि ये मतदाता डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन में सामने आएंगे। क्योंकि कोरोना को लेकर वह ज्यादा चिंतित हैं।

उन्होंने कहा, हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के सदस्य के रूप में, मैं आपको एक तथ्य के लिए बता सकता हूं कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा भारत की सुरक्षा से जुड़ी है, क्योंकि चीन कारक (फैक्टर) और अमेरिका-भारत संबंध और अधिक बढ़ने वाले हैं।

एएवीएस में कमला हैरिस के प्रभाव को पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनकी घोषणा 11 अगस्त को की गई थी, जबकि सर्वे 15 जुलाई से 10 सितंबर के बीच किया गया था।

कृष्णमूर्ति का मानना है कि हैरिस का नामांकन भारतीय समुदाय के बीच एक बड़ा अहम रोल निभाने वाला साबित होगा।

सर्वे में सामने आया है कि नवंबर में हुए चुनावों में 98 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकियों ने मतदान में हिस्सा लेने की योजना बनाई है। वहीं 58 प्रतिशत ने कहा है कि वे इस वर्ष मतदान के बारे में अधिक उत्साह में हैं।

खुद को डेमोक्रेट मानने वालों का प्रतिशत 2016 के सर्वेक्षण में 46 प्रतिशत से आठ प्रतिशत बढ़कर 54 प्रतिशत हो गया है।

जो लोग खुद को रिपब्लिकन मानते हैं उनकी संख्या 2016 में 19 प्रतिशत से अब 16 प्रतिशत तक गिर गई हैं। जिन लोगों का किसी भी पार्टी के प्रति झुकाव नहीं है और वह खुद को स्वतंत्र मानते हैं, उनकी संख्या भी पिछले चार वर्षों में 35 प्रतिशत से गिरकर 24 प्रतिशत हो गई है।

सर्वेक्षण से पता चला है कि भारतीय-अमेरिकी राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह से अपने ²ष्टिकोण में बहुत उदार हैं।

एकेके/एएनएम

Created On :   17 Sep 2020 11:30 AM GMT

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