बिहार में मास्टर जी अब करेंगे लोटा लेकर जाने वालों की निगरानी

bihar school teacher will take a photo of open defecation people
बिहार में मास्टर जी अब करेंगे लोटा लेकर जाने वालों की निगरानी
बिहार में मास्टर जी अब करेंगे लोटा लेकर जाने वालों की निगरानी

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार में पहले ही शिक्षक वेतन नहीं मिलने से नाराज हैं, उस पर सरकार ने शिक्षकों को एक नया जिम्मा दे दिया गया है। सरकार ने शिक्षकों को एक अनोखी ड्यूटी पर तैनात किया है, जिसमें वो बच्चों को पढ़ाने से साथ-साथ यह भी देखेंगे कि कोई खुले में लोटा लेकर तो नहीं जा रहा है। अगर कोई खुले में शौच कर रहा है तो बस उसके साथ एक सेल्फी लेनी है। सरकार ने ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर्स को ये नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया कि सुबह 5 बजे और शाम 4 बजे में से एक समय की ड्यूटी पर शिक्षकों को तैनात होना होगा।

टास्क पूरा करवाने का जिम्मा प्रिंसिपल के सिर

बता दें कि इस टास्क को पूरा करवाने का जिम्मा स्कूल के प्रिंसिपल को सौंपा गया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि बिहार के शिक्षकों को कुछ अलग हटकर काम बताया जा रहा है। सरकार ने स्वच्छता अभियान के तहत हाईस्कूल के शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों की निगरानी करने के लिए कहा है। जानकारी के अनुसार, खुले में शौच को रोकने के लिए शिक्षकों को वार्ड स्तर का सदस्य भी नामित किया गया है। इसके तहत अब स्कूल के प्राचार्य की ड्यूटी होगी कि शिक्षक शौचालय की राशि आवंटन और  सत्यापन करने के साथ उसके निर्माण कार्य का निरीक्षण भी करेंगे। 


 
पांच महीनों से नहीं मिला वेतन  

बताया जा रहा है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को बीते पांच महीनों से वेतन नसीब नहीं हुआ है। अब ऐसे में एक नया काम दे दिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षक समाज में यह चर्चा जोरों पर है कि आखिर हमें ही ऐसा काम क्यों दिया गया। सरकार के इस फैसले का माध्यमिक शिक्षक संघ ने विरोध किया है और संघ के महासचिव ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि शौच पर शिक्षकों की निगरानी का संघ विरोध करता है, यह शिक्षक के पद और गरिमा का अपमान है।

 

आदेश वापस लेने की अपील

शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद ने मीडिया के माध्यम से सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा फरमान वापस लिया जाए, वरना हम सीएम नीतीश कुमार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। बता दें कि इस काम के लिए सरकार ने 61 प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों के करीब 144 टीचरों को शामिल किया है। टीचरों का कहना है कि उन्हें शौच करने वालों का फोटो खींचने को कहा गया है, अब ऐसे में किसी महिला या लड़कियों के फोटो कैसे खींचे जा सकते हैं। 
 

Created On :   22 Nov 2017 10:05 AM IST

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