कुप्रथा के खिलाफ बिहार एकजुट, बनी 13668 किमी लंबी मानव श्रृंखला

Bihar set to form statewide human chain against dowry, child marriage
कुप्रथा के खिलाफ बिहार एकजुट, बनी 13668 किमी लंबी मानव श्रृंखला
कुप्रथा के खिलाफ बिहार एकजुट, बनी 13668 किमी लंबी मानव श्रृंखला

 

डिजिटल डेस्क, पटना। करीब पांच करोड़ लोगों ने दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होकर विश्‍व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाई। ये मानव श्रंखला करीब 13668 किमी लंबी है। पटना के गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार ने गुब्‍बारा छोड़कर मानव श्रृंखला की शुरुअात की। इस दौरान मानव श्रृंखला लोगों ने दहेज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों से लड़ने का संकल्प लिया। मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चे, अभिभावक, शिक्षक, अधिकारी, मंत्री, विधायक से लेकर सूबे के आम नागरिक शामिल हुए। बिहार सरकार 30 जनवरी को भी शिक्षा को लेकर एक और मानव श्रृंखला का आयोजन करने जा रही है।


40 ड्रोन कैमरों से रखी नजर

इस आयोजन को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।  40 ड्रोन कैमरों से इस श्रृंखला की वीडियोग्राफी की गई। श्रृंखला की सफलता के लिए सरकारी स्तर पर करीब तीन महीने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी। जन-जन को दहेज-बाल विवाह के खिलाफ जागृत करने के लिए अब तक करीब 16.50 लाख नारे रचे गए हैं। इसके अलावा कला जत्था के एक सौ चौबीस कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए गांव-गांव में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागृत किया। 


बना ये रिकॉर्ड

इस मानव श्रृंखला से नीतीश सरकार का शराबबंदी के समर्थन में बनाई मानव श्रृंखला का रिकॉर्ड टूट गया। पिछले साल जनवरी में भी बिहार में शराबबंदी के समर्थन में एक मानव श्रृंखला बनाई थी। 12147 किलोमीटर लंबी इस मानव चैन में करीब चार करोड़ लोग शामिल हुए थे।  इस श्रृंखला में करीब चार करोड़ लोगों ने शिरकत की थी। इस साल सरकार ने जिलों को रूट तय करने के अधिकार दिए हैं।  पिछले साल के रूट और मानव संख्या में कम से कम पांच फीसदी की वृद्धि  के निर्देश भी सरकार ने दिए है। अनुमान लगाया जा रहा है कि दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ मानव श्रृंखला में करीब पांच करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया।


लिम्का बुक में दर्ज होगा रिकॉर्ड

पिछली बाद जब शराबबंदी को लेकर मानव श्रंखला बनाई गई थी उस वक्त ये लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड  में दर्ज हुआ था। इस बार की ये श्रृंखला पिछली बार की श्रंखला से बड़ी होने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो पिछला रिकॉर्ड टूटेगा और नया रिकॉर्ड लिम्का बुक में दर्ज किया जाएगा। इस बार बनाई जा रही श्रंखला में शामिल होने के लिए लिम्का के अधिकारियों को आमंत्रण दिया गया।


कुरीति पर कड़ी चोट करने की जरूरत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के बाद अब बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीति पर कड़ी चोट करने की जरूरत है। बाल विवाह अभी 39 प्रतिशत है, इसके साथ ही बड़ी संख्या में महिलायें दहेज प्रथा की शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि लोग गरीबी, अशिक्षा, कुरीति के कारण बाल विवाह करते हैं, इसका दुष्परिणाम काफी गंभीर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल के कम उम्र की लड़की की शादी नहीं होने का कानून है, लेकिन बाल विवाह होता है। बाल विवाह के पश्चात लड़कियों को काफी कष्ट झेलना पड़ता है। अगर लड़की कम उम्र में गर्भ धारण करती है तो प्रसव के दौरान बच्चा एवं मां की मौत की आशंकाये बढ़ जाती है और बच्चे को जन्म के बाद बीमारी की संभावना रहती है।

 

Created On :   21 Jan 2018 11:34 AM IST

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