घाटी में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर संजीदा हुई बीजेपी

BJP concerned about the safety of party leaders and workers in the valley
घाटी में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर संजीदा हुई बीजेपी
घाटी में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर संजीदा हुई बीजेपी
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नई दिल्ली, 13 जुलाई (आईएएनएस)। कश्मीर के बांदीपोरा में बीते दिनों हुए आतंकी हमले में भाजपा नेता वसीम बारी के साथ उनके भाई और पिता की हत्या की घटना के बाद भी कई कार्यकर्ताओं को धमकियां मिलने की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। जिसके बाद बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर संजीदा हुई है।

आतंकियों की धमकियों को दरकिनार कर घाटी में तिरंगा और भाजपा का झंडा थामने वाले नेताओं के निशाने पर होने को लेकर पार्टी अब सुरक्षा और सख्त करने की मांग स्थानीय प्रशासन से कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही घाटी के सभी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और बढ़ेगी।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी राम माधव व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को आतंकी हमले में मारे गए पार्टी नेता शेख वसीम बारी के परिवारों से भेंट की थी। दोनों नेताओं के सामने भी सुरक्षा का मुद्दा उठा था। जिस पर भाजपा नेता राम माधव ने स्थानीय प्रशासन से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की थी।

भाजपा घाटी में पार्टी नेताओं की सुरक्षा ढील को लेकर भी चिंतित है। दरअसल, घटना के दिन बारी की सुरक्षा में लगे दस सुरक्षाकर्मियों में से कोई मौके पर मौजूद नहीं था। जिसके बाद संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।

भाजपा महासचिव राम माधव की ओर से कश्मीर घाटी में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया किए जाने की मांग को देखते हुए माना जा रहा है कि अब पार्टी नेताओं की सुरक्षा बढ़ेगी।

जम्मू-कश्मीर मामलों से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से आतंकियों में बौखलाहट है। घाटी में आतंक बरकरार रखने के लिए जिस तरह से आतंकियों ने अजय पंडित के बाद भाजपा नेता वसीम बारी की हत्या की है, उससे जान हथेली पर रखकर तिरंगा उठाने वालों की सुरक्षा अब और सख्त होनी चाहिए। आतंकी नहीं चाहते कि घाटी की आम आवाम देश की मुख्यधारा से जुड़े। ऐसे में पर्याप्त सुरक्षा मिलने से घाटी में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ेगा।

Created On :   13 July 2020 7:04 PM IST

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