यशवंत सिन्हा बनाएंगे राष्ट्रीय मंच, मोदी की बढ़ाएंगे मुश्किल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा अपनी पार्टी के लिए एक और मुसिबत खड़ी करने जा रहे हैं। यशवंत सिन्हा पार्टी लाइन से अलग होकर राष्ट्रीय मंच बनाने की तैयारी में हैं। इस मंच में देशभर के राष्ट्रीय और क्षेत्रिय दलों के शामिल होने की चर्चा है। यह मंच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को लॉन्च किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस मंच में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष भी शामिल होंगे। इसके अलावा जदयू नेता पवन वर्मा, सपा के घनश्याम तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, AAP के आशीष खेतान और एनसीपी के मजीद मेमन आदि के भी इस राष्ट्रीय मंच से जुड़ने की चर्चा है। मंच में सामाजिक और किसान संगठनों के बड़े चेहरों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है।
सूत्रों की मानें तो इस राष्ट्रीय मंच में उन तमाम बड़े नेताओं को शामिल करने की कोशिशें होंगी जो अपनी-अपनी पार्टी के द्वारा हाशिये पर धकेल दिए गए हैं। यही नहीं कई ऐसे नेताओं को भी जोड़ने की कोशिश होगी जो अपनी पार्टी की गतिविधियों से खुश नहीं हो। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के कई पूर्व और वर्तमान नेता इस मंच से जुड़ सकते हैं। सिन्हा का यह कदम भाजपा के लिए सिरदर्द बन सकता है। इसका बड़ा कारण यह है कि लोकसभा चुनाव में महज 16 महीने बचे हैं, ऐसे संवेदनशील समय में सिन्हा मोदी विरोधियों को ऐसा मंच मुहैया कराने जा रहे, जिसके जरिए केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर जमकर वार होंगे।
मंच के गठन का उद्देश्य भी यही रहेगा कि नेताओं को ऐसा प्लेटफॉर्म दिया जाए, जिससे वे अपनी बातें खुलकर कह सकें, जो पार्टी लाइन के अनुसार नहीं कह सकते। इस मंच के जरिए राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा दिया जाएगा। यह मंच केंद्र सरकार की नीतियों की समीक्षा कर उसके सही और गलत पहलुओं को जनता के सामने लाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय मंच से जुड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़नी पड़ेगी।
Created On :   23 Jan 2018 6:46 PM IST