नोटबंदी-जीएसटी से परेशान व्यापारी, जहर खाकर पहुंचा BJP दफ्तर

businessman eat poison in BJP office blames GST and demonetisation
नोटबंदी-जीएसटी से परेशान व्यापारी, जहर खाकर पहुंचा BJP दफ्तर
नोटबंदी-जीएसटी से परेशान व्यापारी, जहर खाकर पहुंचा BJP दफ्तर

डिजिटल डेस्क, देहरादून। पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से परेशान एक व्यापारी ने जहर खाकर बीजेपी दफ्तर में हड़कंप मचा दिया। मामला उत्तराखंड के हल्दवानी शहर में स्थित बीजेपी दफ्तर का है। दफ्तर में बीजेपी के मंत्री सुबोध उनियाल का जनता दरबार चल रहा था, उसी वक्त व्यापारी वहां पहुंचा और जोर-जोर से चिल्लाकर रोने लगा। जहर खाने वाला शख्स ट्रांसपोर्ट कारोबारी बताया जा रहा है। व्यापारी जहर खाकर 6 जनवरी को हल्दवानी स्थित बीजेपी दफ्तर में घुस गया और चिल्लाने लगा कि नोटबंदी और GST से परेशान होकर उसने जहर खा लिया है।

जहर खाने वाले इस शख्स का नाम पांडेय बताया जा रहा है। पीड़ित पांडेय पिछले पांच वर्षों से ट्रांसपोर्ट का कारोबार कर रहे हैं। जहर खाकर बीजेपी दफ्तर में घुसते ही पांडेय कहने लगा कि सरकार ने मुझे परेशान कर दिया है, नोटबंदी और GST के बाद मैं कर्जदार हो गया हूं। पांडेय ने आगे कहा- पिछले 5 वर्षों से मैं सरकार तक अपनी समस्या पहुंचाना चाहता हूं, लेकिन मुख्यमंत्री किसी काम के नहीं हैं… वह किसी की नहीं सुनते हैं। मेरी तरह और भी कई लोग हैं, जो नोटबंदी और GST की वजह से कर्जदार हुए हैं। मैं अब जीना नहीं चाहता। मैंने जहर खा लिया है।

जहर साथ लाने का दावा करते हुए पांडेय ने बीजेपी दफ्तर में सभी के सामने अपनी खाली जेब भी दिखाई। जहर की बात सामने आते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में पांडेय को दून स्थित अस्पताल में जाया गया, जहां उसे ICU में रखा गया।

अस्पताल के चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट केके टम्टा ने बताया कि व्यापारी को देखरेख में रखा गया है। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राइवेट अस्पताल में उसे रेफर कर दिया गया है। दून अस्पताल में पांडेय को देखने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि उसकी हालत बहुत गंभीर है, अगले 24 घंटे उसके लिए बेहद मुश्किल भरे हैं।

मीडिया से बात करते हुए उनियाल ने बताया कि आदमी ने नोटबंदी और GST के कारण जहर खा लिया था। व्यापार में नुकसान व्यक्तिगत समस्या नहीं है। उसने जो किया उसके पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है। व्यापारी इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को अपनी समस्या के बारे में पत्र लिख चुका है, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली।

Created On :   6 Jan 2018 7:00 PM GMT

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