विपक्ष के हंगामे के कारण राजनाथ नहीं दे पाए बयान

Home minister Rajnath singh not fulfill his statement on parliament
विपक्ष के हंगामे के कारण राजनाथ नहीं दे पाए बयान
विपक्ष के हंगामे के कारण राजनाथ नहीं दे पाए बयान
हाईलाइट
  • अमित शाह के बयान पर अापत्ति जताते हुए कांग्रेस ने कहा था कि शाह को इतिहास की जानकारी नहीं है।
  • मंगलवार को इस मुद्दे पर अमित शाह के बयान का कांग्रेस ने विरोध किया था।
  • शाह ने कहा था कि हम में दम है
  • इसलिए हमने NRC लागू किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के मुद्दे पर आज (बुधवार) राज्यसभा में हंगामा के कारण दो बार कार्रवाई स्थगित की गई। पहले सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। कार्रवाई शुरू होने के बाद अपनी बात रखने जैसे ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह खड़े हुए विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्षी सांसद वेल पर आकर नारेबाजी करने लगे। वे नारेबाजी कर रहे थे कि घुसपैठिए वापस जाओ। नायडू के कई बार बोलने पर भी जब विपक्ष शांत नहीं हुआ तो सदन गुरुवार दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

 

इसके पहले नायडू ने अमित शाह को अपना बयान खत्म करने को कहा। विपक्ष इस पर हंगामा करने लगा। इस मसले पर वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगी। मंगलवार को इस मुद्दे पर अमित शाह के बयान का कांग्रेस ने विरोध किया था। शाह ने कहा था कि हम में दम है, इसलिए हमने NRC लागू किया। अमित शाह के बयान पर अपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने कहा था कि शाह को इतिहास की जानकारी नहीं है। NRC की शुरुआत यूपीए सरकार ने की थी। बता दें कि NRC लिस्ट में 40 लाख लोगों का नाम ना होने से लोगों में भय का माहौल है। सरकार ने 33 जिलों में धारा 144 लागू कर 22 हजार जवानों की तैनाती की है। ममता बनर्जी ने संसद परिसर में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर उनके पैर छुए।

 

 


क्या कहा था शाह ने
मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर NRC पर चर्चा शुरू हुई थी। अमित शाह ने कहा था कि ये कदम राजीव गांधी का उठाया गया है। फैसले पर अमल करने की हिम्मत आपकी सरकार में नहीं थी। हमारी सरकार में हिम्मत है, इसलिए हम इस पर अमल कर रहे हैं। शाह ने कहा था कि 14 अगस्त 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौते पर दस्तखत कर 15 अगस्त को लाल किले से घोषणा की थी। असम समझौते की आत्मा NRC ही थी।


पूर्व राष्ट्रपति के भतीजे का नाम गायब
नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन में कई गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के लोगों तक के नाम NRC  में नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति के बड़े भाई एकरामुद्दीन अहमद के परिवार का नाम भी लिस्ट में नहीं है। फखरुद्दीन के भतीजे ने बताया कि वे पूरे दस्तावेज़ पेश करेंगे। असम के दक्षिण अभयपुरी से भाजपा विधायक अनंत कुमार मालो का भी NRC लिस्ट में नाम नहीं है।

Created On :   1 Aug 2018 10:30 AM IST

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