मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की प्रधानमंत्री से अपील, तमिलनाडु में प्रस्तावित न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना रोकें
- चट्टान के उखड़ने और छत के ढहने जैसी समस्याएं
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को तमिलनाडु के थेनी जिले में प्रस्तावित न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना को रोकने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि अनुरोध क्षेत्र के समृद्ध वन्यजीव और जैव विविधता के संरक्षण के व्यापक हित में किया गया है, क्योंकि स्लेटेड परियोजना नाजुक और संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचने का कारण बनेगी।
उन्होंने कहा कि जैसा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा मैप किया गया है, प्रस्तावित भारत आधारित न्यूट्रिनो ऑब्जर्वेटरी (आईएनओ) परियोजना की साइट मथिकेतन-पेरियार टाइगर कॉरिडोर में आती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टाइगर कॉरिडोर में आनुवंशिक प्रवाह को बनाए रखने का महत्वपूर्ण कार्य है, जो प्रस्तावित परियोजना की गतिविधियों के कारण नष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में होने वाले उच्च आवृत्ति वाले विस्फोटों के कारण, चट्टान के उखड़ने और छत के ढहने जैसी समस्याएं होंगी और सुरक्षा उपायों के लिए भू-तकनीकी अध्ययनों का उपयोग करके विस्फोट के प्रस्तावों की जांच की जानी चाहिए।
स्टालिन ने यह भी उल्लेख किया कि पश्चिमी घाट, जहां परियोजना लागू की गई है, समृद्ध जैव विविधता और दुर्लभ प्रजातियों के जीवों की प्रचुरता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के अलावा अनगुलेट समेत कई अन्य स्तनपायी बहुतायत में हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी घाट पर विभिन्न प्रकार के सरीसृपों और उभयचरों की उपस्थिति और प्रजातियों की समृद्ध विविधता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षेत्र संबल नदी और कोट्टाकुडी नदी के लिए एक महत्वपूर्ण वाटरशेड और जलग्रहण क्षेत्र भी बनाता है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि ये वाटरशेड स्थानीय समुदायों की जीवनरेखा है और दक्षिण तमिलनाडु के आसपास के पांच जिलों के लिए पीने और कृषि के लिए पानी उपलब्ध कराते हैं। इन मुद्दों का हवाला देते हुए स्टालिन ने प्रधानमंत्री से न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना को रोकने का अनुरोध किया।
(आईएएनएस)
Created On :   14 March 2022 7:00 PM IST