राफेल डील पर सिब्बल ने दागा सवाल, पूछा- बिना जांच कैसे मिली क्लीन चिट ?
- कपिल ने कहा मोदी सरकार का कर रही झूठा दावा
- राफेल डील पर कपिल सिब्बल का मोदी सरकार से सवाल
- सरकार को बिना जांच के कैसे मिल गई क्लीन चिट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम और मल्लिकार्जुन खड़गे के दिए बयान के बाद कपिल सिब्बल ने भी केन्द्र सरकार को घेरा है। कपिल सिब्बल ने कहा, मैंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कई पैरे पढ़े और पूछा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट कहां दी है, जैसा कि मोदी सरकार दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फाइलें नहीं मंगवाई नोटिंग नहीं देखी तो फिर अपनी पीठ थपथपाना कि ‘क्लीन चिट’ मिल गया ये बचकानी बातें हैं।
Kapil Sibal, Congress: Government is responsible for giving wrong facts to the Supreme Court. I think the Attorney General should be called before the PAC and be asked why wrong facts were presented. This is a very serious matter. #RafaleDeal pic.twitter.com/LdT22JGWct
— ANI (@ANI) December 15, 2018
सिब्बल ने अमित शाह को लेकर कहा, मैंने एक दूरबीन खरीदने के लिए कहा है, मैं इसे भाजपा अध्यक्ष को गिफ्ट में दूंगा। उन्होंने कहा था कि तीन राज्यों में चुनाव के बाद कांग्रेस को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ेगी। कोर्ट के फैसले के 12वें, 15वें और 34वें पैरे का जिक्र करते हुए कहा कि SC ने खुद कहा है कि उसका अधिकार क्षेत्र सीमित है। सिब्बल ने कहा, " कोर्ट ने कहा है कि तकनीकी तौर पर क्या सही है, यह हम तय नहीं कह सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि हम कीमतों और तकनीक पर फैसला नहीं कर सकते हैं। प्रसीजर की जहां तक बात है तो राफेल एक दमदार प्लेन है।
Kapil Sibal, Congress: We have been very clear that Supreme Court was not an appropriate forum on which these issues can be decided, as it cannot summon and examine file notings, witnesses on oath, including questioning the Prime Minister, and we need to question the PM https://t.co/r2i330G2Qa
— ANI (@ANI) December 15, 2018
कपिल सिब्बल ने कोर्ट के फैसले के 12वें, 15वें और 34वें पैरे का जिक्र करते हुए कहा कि कोर्ट ने खुद कहा है कि उसका अधिकार क्षेत्र सीमित है। तकनीकी तौर पर क्या सही है, यह हम तय नहीं कह सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि हम कीमतों और तकनीक पर फैसला नहीं कर सकते हैं। प्रसीजर की जहां तक बात है तो राफेल एक दमदार प्लेन है। सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट राफेल डील की प्राइसिंग की जांच ही नहीं की तो सरकार जीत का दावा कैसे कर रही है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में कभी भी कोर्ट में पार्टी नहीं थी और हम पहले ही साफ कह चुके हैं कि इस मामले पर फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट उचित फोरम नहीं है क्योंकि सभी फाइलें वहां खोली नहीं जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के पास इसका अधिकार नहीं है।
Created On :   15 Dec 2018 3:18 PM IST