माया के इस सियासी पैंतरे ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें

Congress party in problem from new plan of bsp head mayawati
माया के इस सियासी पैंतरे ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें
माया के इस सियासी पैंतरे ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें

@अजीत कुमार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमों मायावती की ताजा सियासी पैंतरेबाजी के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। उत्तरप्रदेश में समाजवादी और बसपा के बीच हुई नई दोस्ती के सकारात्मक नतीजे देख कांग्रेस कई राज्यों में बसपा को साथ लेने की रणनीति पर काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर हरियाणा और कर्नाटक में दूसरे क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाकर बसपा ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बावजूद इसके कांग्रेस ने बसपा को मनाने की कोशिशें नहीं छोड़ी है।

मप्र और छग में बसपा का साथ चाहती है कांग्रेस
इस वर्ष के अंत में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि इन राज्यों में उसे बसपा का साथ मिले। इसके लिए उत्तरप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बसपा से बात करने की जिम्मेदारी मिली है। कांग्रेस का मानना है कि इन तीनों राज्यों में भाजपा के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर है और इस लहर का फायदा उठाने में बसपा उसकी मदद कर सकती है।

दरअसल इन तीनों राज्यों में 3 से 5 प्रतिशत तक दलित मतदाता हैं। चूंकि यहां भाजपा का कांग्रेस से सीधा मुकाबला है, ऐसे में बसपा के साथ रहने का पूरा फायदा कांग्रेस को मिलने की संभावना है। सूत्र बताते हैं कि इस संदर्भ में श्री आजाद की बसपा सांसद सतीश मिश्रा से दो दौर की बातचीत हो चुकी है और माना जा रहा है कि जल्द ही उनकी मुलाकात मायावती से भी होगी।

कांग्रेस को रास नहीं आई इनेलो-बसपा की दोस्ती
मायावती ने हरियाणा में चौटाला के नेतृत्व वाले इनेलो और कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के जनता दल (एस) के साथ चुनावी तालमेल कर कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है। खास बात यह कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को इनेलो और जद एस के खिलाफ चुनाव लड़ना है। पार्टी के एक नेता का कहना है कि सख्त सियासी सौदेबाजी करने वाली मायावती ने इनेलो और जदएस के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को साफ संदेश दे दिया है। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकार अब माया के मास्टर स्ट्रोक से हरियाणा और कर्नाटक मंो होने वाले नफा-नुकसान का आकलन तो कर ही रहे हैं, साथ ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान मंे बसपा के साथ संभावित गठबंधन को लेकर भी आशंकित हो गए हैं।

Created On :   20 April 2018 6:38 PM GMT

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