BJP के लोग भी जानते है अमित शाह की सच्चाई - राहुल गांधी

Congress President Rahul Gandhi targeted BJP president Amit Shah
BJP के लोग भी जानते है अमित शाह की सच्चाई - राहुल गांधी
BJP के लोग भी जानते है अमित शाह की सच्चाई - राहुल गांधी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जज लोया केस की जांच SIT से कराने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हालांकि कांग्रेस अभी भी इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रही है। इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर एक बार फिर निशाना साधा। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "भारतीय बहुत बुद्धिमान हैं। ज्यादातर भारतीय अमित शाह के बारे में सच को अच्छी तरह समझते हैं जिनमें बीजेपी के लोग भी हैं। उनके जैसे लोगों का सच अपने आप सामने आता है।"  

 

 


राजनीतिक लड़ाई कोर्ट के गलियारे में नहीं लड़े
वहीं इससे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अदालत ने कहा है कि राजनीतिक आधार पर राजनीतिक लड़ाई लड़ी जानी चाहिए। इसका साफ मतलब यह है कि मामला हमारे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई के रूप में लड़ा गया था।" रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये "पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन" वास्तव में "पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन" थाष। उन्होंने कहा, "मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि राजनीतिक लड़ाई कोर्ट के गलियारे में नहीं लड़े।"

कांग्रेस ने गिनाए 10 पॉइंट
1. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर केस को गुजरात से मुंबई ट्रांसफर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि शुरू से लेकर अंत तक एक ही जज इस मामले की सुनवाई करेंगे। इस केस के में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे। उस समय जज उत्पल ने आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं होने के लिए लताड़ लगाई और पेश होने की तारीख तय की, लेकिन उससे पहले ही उनका ट्रांसफर हो गया। जज उत्पल के बाद जज लोया इस केस को देख रहे थे। 30 नवंबर 2014 को उनकी मौत हो गई। इसके बाद अमित शाह इस मामले में बरी हो गए और सीबीआई ने इसके खिलाफ अपील नहीं की।

2. 21 नवंबर 2017 को जज लोया की बहन ने मीडिया हाउस को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि एक पूर्व जज के जरिये जज लोया को 100 करोड़ रुपये और एक फ्लैट का भी ऑफर दिया गया था। इसके बदले में आरोपियों के पक्ष में फैसला सुनाने को कहा गया था।

3. जज लोया की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है, लेकिन ईसीजी की रिपोर्ट इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। एक्सपर्ट का भी कहना है कि चोट का सबूत मिला है।

4. 24.11.2014 को जज लोया की सिक्योरिटी हटा दी गई थी। जब वह मुंबई से नागपुर गए थे तब भी उनके पास सिक्योरिटी नहीं थी। जहां 30.11.2014 को उनकी मौत हो गई।

5. जज लोया के मुंबई से नागपुर जाने का कोई भी ट्रैवल रिकॉर्ड नहीं है।

6. 30 नवंबर 2014 को लोया के नागपुर के गेस्ट हाउस रवि भवन में रुकने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वहां इसकी कोई एंट्री नहीं है। गेस्ट हाउस के 15 कर्मचारियों ने भी अलग-अलग मीडिया हाउस में बयान दिया है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

7. ऐसा कोई कारण दिखाई नहीं देता कि 3 जज दो बेड वाले एक ही रूम में सोए, जबकि इससे सटे हुए रूम खाली थे।

8. जज लोया के परिजन ये बता चुके है कि लोया की डेड बॉडी पर खून के धब्बे थे। खास तौर पर गर्दन के पास।

9. जज लोया का परिजनों को बताए बिना 1.12..2014 को पोस्ट मॉर्टम कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनका नाम भी गलत तरीके से लिखा गया।

10. जज लोया के दो और सहयोगियों की मौत सदेहास्पद परिस्थिति में हुई। ऐडवोकेट खंडालकर की मौत 29 नवंबर 2015 को कोर्ट की छत से गिरकर हुई जबकि 28 नवंबर से अदालत में छुट्टी थी। इसके अलावा एक और जज की संजदेहास्पद मौत हुई। एक वकील मरने से बाल-बाल बचे।  
 

Created On :   20 April 2018 12:22 AM IST

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