39 मौतों पर सुषमा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इराक के मोसुल में में 39 भारतीयों की मौत के मामले में अब कांग्रेस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ "विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव" लाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने सुषमा स्वराज पर 39 भारतीयों की मौत पर देश और सदन को "गुमराह" करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद पार्टी ने विदेश मंत्री के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कहा है कि सुषमा स्वराज के सारे सोर्स गलत साबित हुए हैं, जबकि हमारे सोर्सेस ने हमें पहले ही इस बारे में जानकारी दे दी थी। फिर भी सुषमा स्वराज ने इस बात को खारिज कर दिया। वहीं कांग्रेस सांसद प्रताप बाजवा ने सुषमा से सोर्सेस का खुलासा करने को कहा है। बता दें कि सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि जून 2014 में इराक के मोसुल से लापता हुए 39 भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार दिया है।
उनके सोर्स गलत साबित हुए : अंबिका सोनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस सांसद अंबिका सोनी, प्रताप बाजवा और शमशेर सिंह डुल्लो ने सुषमा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज बार-बार देश को आश्वासन देती रहीं कि वो सभी जिंदा और सेफ हैं। उन्होंने इस मामले में देश को और सदन को गुमराह किया। अंबिका सोनी ने कहा कि "जब मैंने इस मुद्दे को सदन में उठाया, तो उन्होंने मेरे सोर्स को गलट ठहराया। अब मेरे सोर्स सही साबित हुए और उनके गलत। हमारे सोर्सेस ने बता दिया था कि कम से कम एक साल पहले ही उन भारतीयों को मार दिया गया , लेकिन सरकार कभी इसे लेकर गंभीर नहीं रही। अब हम उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव जरूर लाएंगे।"
39 भारतीयों की मौत से ध्यान हटे, इसलिए डाटा लीक की गढ़ी कहानी : राहुल का आरोप
सुषमा जी अपने सोर्स का खुलासा करें : बाजवा
वहीं कांग्रेस सांसद प्रताप बाजवा ने कहा कि "आज हरजीत मसीह की बातें सही साबित हो रही हैं। मैं सुषमा जी से कहता हूं कि वो अपने सोर्स का खुलासा करें। आपने उन परिवारों के साथ खिलवाड़ क्यों किया?" उन्होंने कहा कि "मारे गए 39 लोगों के परिवारों के लिए अभी तक सरकार ने मुआवजे का ऐलान तक नहीं किया। हमारी मांग है कि मारे गए लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।"
राहुल ने भी किया था हमला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी 39 भारतीयों की मौत के मामले में मोदी सरकार पर घेरा था। राहुल ने ट्वीट कर कहा था कि "सरकार मोसुल में 39 भारतीयों की मौत पर झूठ बोलते हुए पकड़ा गई थी और इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कांग्रेस और डाटा चोरी की कहानी गढ़ी। इसका नतीजा ये रहा कि सभी मीडिया नेटवर्क से 39 भारतीयों की मौत का मुद्दा गायब हो गया और सरकार की समस्या का समाधान हो गया।"
पता था फिर भी गुमराह किया : सुरजेवाला
सुषमा स्वराज के राज्यसभा में दिए गए बयान के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा "जून 2014 में 39 भारतीय मोसुल में लापता हुए थे। पूरी दुनिया और विदेशी मुल्क भी इस बात को कह रहे थे कि सभी भारतीयों की मौत हो चुकी है, फिर भी मोदी सरकार ने देश को और उनके परिवार वालों को इतने सालों तक अंधेरे में क्यों रखा?" उन्होंने कहा था कि "भारतीय मीडिया ने भी बताया कि उनकी हत्या की जा चुकी है। एक गवाह सामने आया था और उसने भी यही कहा, लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया। सुषमा जी ने सदन में 7 बार कहा कि सभी भारतीय जिंदा हैं और उन्हें खाने-पीने और जरूरतों का सामान दिया जा रहा है।" सुरजेवाला ने सुषमा स्वराज से माफी की मांग करते हुए कहा कि "विदेश मंत्री सभी परिवारों के पास एक-एक कर जाएं और उनसे माफी मांगें और मोदी सरकार उनके परिवारों को सम्मानजनक मुआवजा दे ताकि वो अपनी जिंदगी दोबारा शुरू कर सकें।"
पता था कि मोसुल में मारे जा चुके हैं भारतीय, तो देश को गुमराह क्यों किया : कांग्रेस
सुषमा ने क्या दिया था बयान?
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में मंगलवार (20 मार्च) को बताया था कि "इराक के मोसुल में लापता सभी 39 भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार दिया है। इराक में जमीन के अंदर जनरल वीके सिंह को लोगों के दबे होने की बात पता चली, जिसके बाद पहाड़ खुदवाकर उन शवों को बाहर निकाला गया। शवों को निकलवाकर उनका DNA टेस्ट कराया गया। इस टेस्ट में 38 लोगों का DNA मैच हो गया, जबकि एक शख्स का DNA 70% तक मैच हुआ है।" सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बताया कि हरजीत मसीह नाम के युवक ने खुदको मुस्लिम बताया और इस तरह से वो IS के चंगुल से बचने में कामयाब हुआ।
सुषमा स्वराज ने किया खुलासा, इराक में लापता सभी 39 भारतीयों को ISIS ने मार डाला
हरजीत ने क्या बताया था?
IS के चंगुल से बचकर निकलने वाले हरजीत मसीह ने भी बताया था कि सभी भारतीयों को IS ने मार दिया है। हरजीत ने बताया था कि "50 बांग्लादेशियों और 40 भारतीयों को उनकी कंपनी की बसों में भरकर IS के आतंकी किसी पहाड़ी पर लगे गए और फिर हम सभी को किसी दूसरे ग्रुप के हवाले कर दिया। वहां आतंकियों ने सभी को दो दिनों तक अपने कब्जे में रखा।" उसने बताया था कि "एक दिन हम सभी को लाइन में खड़ा होने को कहा गया और सभी से मोबाइल-पैसे ले लिए गए। इसके बाद उन्होंने 2-3 मिनट तक गोलियां चलाईं। मैं बीच में खड़ा था। मेरे पैर पर गोली लगी और मैं नीचे गिरकर चुपचाप लेट गया। बाकी सभी लोग मारे गए थे।" हरजीत ने बताया था कि वो किसी तरह वहां से भागने में कामयाब हुआ।
2014 में लापता हुए थे 40 भारतीय
जून 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के इराक के मोसुल शहर में कब्जा करने के बाद 40 लोग लापता हो गए थे। इनमें से हरजीत मसीह को बांग्लादेशी नागरिक अली बताकर वापस भेज दिया गया था, जबकि 39 लोग ISIS के चंगुल में ही थे। ये सभी लोग मोसुल में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। 39 भारतीयों के साथ-साथ 50 बांग्लादेशियों को भी किडनैप कर लिया गया था। बता दें कि इससे पहले तक उम्मीद थी कि सभी लोग इराक में किसी जेल में बंद हो सकते हैं।
Created On :   23 March 2018 11:59 AM IST