खंभों पर लालटेन लगाकर रोशन हो रहा यह गांव, डिजिटल क्रांति के दावों की उड़ीं धज्जियां

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खंभों पर लालटेन लगाकर रोशन हो रहा यह गांव, डिजिटल क्रांति के दावों की उड़ीं धज्जियां
खंभों पर लालटेन लगाकर रोशन हो रहा यह गांव, डिजिटल क्रांति के दावों की उड़ीं धज्जियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर। खंभों पर लालटेन की बात किसी अचरज से कम नहीं है लेकिन  मेट्रो सिटी बनने जा रही उपराजधानी से सटे गांव में यह नजारा लोगों ने देखा। इस गांव में जाने बाद डिजिटल इंडिया, डिजिटल क्रांति के दावे खोखले नजर आते हैं । गांव के कुछ लोगों ने इसे पुराने दिन वापस आने की बात कही तो कुछ ने सरकार को इस बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराया। वाकया है नरखेड़ तहसील के येनीकोनी गांव का।

दरअसल स्ट्रीट लाइट के बिल का बोझ राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों पर डाल दिया है। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इस आशय का पत्र जिला परिषदों को भेजा गया है। बिल चुकाने की ग्राम पंचायतों की आर्थिक स्थिति नहीं रहने से यह नौबत आन पड़ी है। नरखेड़ तहसील के येनीकोनी गांव में स्ट्रीट लाइट पर लालटेन लटकाकर रात में इसे जला कर रोशन किया जा रहा है।  26 मार्च को स्ट्रीट लाइट की बिजली कट किए जाने से रोशनी के लिए लाइट के खंभों पर लालटेन लगाए गए।

सरकार ने खड़े किए हाथ
गौरतलब है कि गांवों को रोशनी देने वाली स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल चुकाने से सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं।ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 28 फरवरी को जिला परिषदों को पत्र भेजा गया है। इसमें ग्राम पंचायतों को स्ट्रीट लाइट का बिल सामान्य फंड अथवा 14वें वित्त आयोग के फंड से चुकाने के लिए निर्देशित किया गया है लेकिन ग्राम पंचायतों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि बिजली का बिल भर सकें फलस्वरुप गांव के लोगों ने रोशनी के लिए यह तरीका अपनाया है।

14वें वित्त आयोग की निधि पर सरकार की नजर
गांवों के विकास के लिए केंद्र सरकार ग्राम पंचायत को 14वें वित्त आयोग का निधि जनसंख्या के आधार पर आवंटित करती है। इस निधि का पांच साल के लिए नियोजन किया जाता है। केंद्र सरकार सीधे ग्राम पंचायतों को निधि हस्तांतरित करती है। दो साल पहले इस निधि से विकास कार्यों का नियोजन किया जा चुका है। इसमें स्ट्रीट लाइट का बिल चुकाने का प्रावधान नहीं किया गया है।

अब राज्य सरकार ने सामान्य फंड अथवा 14वें वित्त आयोग के निधि से स्ट्रीट लाइट का बिल चुकाने का फरमान जारी किया है। नियोजन में प्रावधान नहीं किए जाने से बिजली के बिल पर खर्च निधि कैसे खर्च करें, यह संकट ग्राम पंचायतों के सामने तकनीकी समस्या है। केंद्र सरकार द्वारा आवंटित किए जाने वाले निधि पर राज्य सरकार के नजरे गड़ाने से गांवों के विकास को लेकर राज्य सरकार कितनी गंभीर है, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।

लगानी पड़ी लालटेन
येनीकोनी ग्राम पंचायत तहसील नरखेड़ के सरपंच मनीष फुसे ने मामले में कहा है कि स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल बकाया रहने से 26 मार्च को कनेक्शन काट दिया गया। बंद लाइट के खंभों पर लालटेन लगाकर गांव में रोशनी करनी पड़ी। सरकार के इस फरमान से धीरे-धीरे सभी गांवों में यह नौबत आ रही है।

सरकार से बिल भरने का आग्रह
जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर ने कहा है कि स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल भरने की ग्राम पंचायतों की आर्थिक स्थिति नहीं है। इसलिए सरकार से पूर्ववत बिजली बिल भरने का आग्रह किया गया है। ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने ग्राम पंचायतों के हित में सरकार से यह फरमान वापस लेने की पहल करने का आश्वासन दिया है।

Created On :   29 March 2018 1:51 PM IST

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