जस्टिस जोसेफ के नाम पर विचार, आज हो सकती है SC कॉलेजियम की बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस केएम जोसेफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रदोन्नति देने के मामले को लेकर बुधवार यानि आज सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अहम बैठक हो सकती है। सरकार ने पिछले सप्ताह उनके नाम की सिफारिश पर पुनर्विचार करने को कहा था। उत्तराखंड के चीफ जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की कॉलेजियम की सिफारिश दोबारा विचार के लिए सरकार ने वापस भेज दी थी। अगर कॉलेजियम फिर से जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश करता है तो अब की बार सरकार को इसे मानना होगा। SC के पांच सीनियर जजों के कॉलेजियम की बैठक होगी।
सरकार और SC में तनातनी के बीच बैठक बेहद अहम
गौरतलब है कि SC के कॉलेजियम ने इसी साल 10 जनवरी को उत्तराखंड के चीफ जस्टिस जोसेफ और सीनियर वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी। सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम पर मुहर लगा दी लेकिन जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश को खारिज कर फिर से विचार करने के लिए कॉलेजियम के पास वापस भेज दिया था। कोर्ट का कहना था कि ये प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय के मापदंड के अनुरूप नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है क्योंकि जोसेफ केरल से आते हैं।
इंदु मल्होत्रा का शपथ ग्रहण रोकने की मांग की गई थी
वहीं जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट का जज ना बनाए जाने से नाराज वकीलों ने जज नियुक्त होने वाली इंदु मल्होत्रा का शपथ ग्रहण रोकने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मांग को विचार से परे बताते हुए ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच इस तरह की तनातनी की वजह से जोसेफ के मामले में होने वाली बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। कॉलेजियम के कुछ मेंबर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस बैठक में भी उनके मुखर होने की संभावना जताई जा रही है।
CJI दीपक मिश्रा ने इंदु मल्होत्रा को दिलाई थी शपथ
27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त की गईं सीनियर वकील इंदु मल्होत्रा को सीजेआई दीपक मिश्रा ने पद की शपथ दिलाई। वो देश की पहली ऐसी महिला वकील हैं जो वकालत से सीधे देश के सर्वोच्च न्यायालय में जज नियुक्त की गई हैं।
ये हैं जस्टिस जोसेफ की सिफारिश करने वाले जज
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के कॉलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी। बता दें कि कॉलेजियम ने जनवरी में ऐसे जजों के नामों की सिफारिश की थी जिन्हें अपग्रेड किया जाना था। जिनमें जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस जोसेफ का नाम भी शामिल था।
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर उठाए थे सवाल
जस्टिस जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं किए जाने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था हम लगातार कह रहे हैं कि न्यायपालिका खतरे में है। कानून के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जो कहता है वही होगा। सरकार चाहती है कि उनके मन मुताबिक नहीं हुआ तो वो कोलेजियम की सिफारिशों को नजर अंदाज कर उसे मंजूरी नहीं देगी। सिब्बल ने कहा था कि बीजेपी कहती है देश बदल रहा है लेकिन हम कहते हैं कि देश बदल चुका है। मोदी सरकार न्यायपालिका के साथ जो बर्ताव कर रही है वो पूरा देश जानता है। सरकार की मंशा साफ है कि वो जस्टिस जोसेफ को जज नहीं बनने देंगे। सरकार कोलेजियम के हिसाब से नहीं चलना चाहती है।
जानिए कौन-कौन से पदों पर रहे चुके हैं जस्टिस जोसेफ
जस्टिस जोसेफ ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने के पीएम मोदी सरकार के फैसले को खारिज करने वाली पीठ की अगुवाई की थी। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। जोसेफ जुलाई 2014 से उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इस साल जून में वो 60 साल के हो जाएंगे। 14 अक्टूबर 2004 को उन्हें केरल हाई कोर्ट में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 31 जुलाई 2014 को उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट का प्रभार संभाला था।
Created On :   2 May 2018 9:33 AM IST