दिल्ली हाईकोर्ट ने 200 आवारा कुत्तों के लिए बूढ़ी महिला का आश्रय गिराने पर यथास्थिति का आदेश दिया

Delhi HC orders status quo on demolition of old womans shelter for 200 stray dogs
दिल्ली हाईकोर्ट ने 200 आवारा कुत्तों के लिए बूढ़ी महिला का आश्रय गिराने पर यथास्थिति का आदेश दिया
नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने 200 आवारा कुत्तों के लिए बूढ़ी महिला का आश्रय गिराने पर यथास्थिति का आदेश दिया
हाईलाइट
  • न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने अस्थायी समाधान के तौर पर महिला को तिरपाल लगाने की अनुमति दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की उस कार्रवाई पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, जिसमें 200 से अधिक आवारा कुत्तों को 30 से अधिक वर्षो तक रखने के लिए एक 80 वर्षीय महिला के अस्थायी आश्रय को ध्वस्त कर दिया गया था।

3 जनवरी को विध्वंस के बाद प्रतिमा देवी के रहने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी, वह एक आपातकालीन वैकल्पिक आश्रय की मांग करते हुए और एमसीडी, दिल्ली सरकार, और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को रोकने की मांग करते हुए अदालत में चली गईं।

याचिका में एमसीडी की कार्रवाई को मनमाना, अनुचित और अमानवीय बताया गया है और तर्क दिया गया है कि यह भेदभावपूर्ण है और आवारा कुत्तों और बुजुर्ग महिलाओं के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिन्हें अस्थायी शरण से अचानक हटा दिया गया था।

याचिका में कहा गया है, प्रतिवादी संख्या 1 याचिकाकर्ता को विध्वंस की पूर्व सूचना दिए बिना, जो कि एक वरिष्ठ नागरिक, अस्सी वर्षीय महिला है, को दिल्ली के इस खराब मौसम की स्थिति में इस तरह की कठोरता को देखने के लिए मजबूर किया गया है। यह इस तथ्य को और बल देता है कि प्रतिवादी संख्या 1 प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है, जिसमें याचिकाकर्ता को कोई नोटिस/सूचना प्रदान नहीं की गई थी।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने अस्थायी समाधान के तौर पर महिला को तिरपाल लगाने की अनुमति दी।

किसी भी पक्ष के अधिकारों या दावों से समझौता किए बिना अदालत ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को याचिकाकर्ता को पुनर्वास की पेशकश की संभावनाओं की जांच करने का भी आदेश दिया।

अदालत ने कहा, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और याचिकाकर्ता के इस तर्क को ध्यान में रखते हुए कि प्रतिवादी संख्या 1 द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के आपत्तिजनक कार्रवाई की गई है, यह अदालत यह निर्देश देना समीचीन समझती है कि प्रतिवादी मामले की सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखेगा। सुनवाई की अगली तारीख और आश्रय की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए याचिकाकर्ता को अंतरिम उपाय के रूप में तिरपाल लगाने की भी अनुमति दी जाएगी।

अदालत ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मामले को 15 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

 (आईएएनएस)

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Created On :   5 Jan 2023 1:30 AM IST

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