क्या रास्ते में बनाए गए अवैध मंदिरों से प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी ?

delhi high court will take action on MCD officials who allowed illegal construction
क्या रास्ते में बनाए गए अवैध मंदिरों से प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी ?
क्या रास्ते में बनाए गए अवैध मंदिरों से प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करोल बाग में हनुमान मंदिर के अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई के दौरान उन एमसीडी, डीडीए और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की सूची मांगी है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में ये अवैध निर्माण होने दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।

 

वहीं दिल्ली में बढ़ते अतिक्रमण और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की अन्य एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या रास्ते में बनाए गए अवैध मंदिरों से प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी। अदालत ने चेतावनी दी कि मंदिर समेत अनधिकृत निर्माण के लिये जिम्मेदार सभी व्यक्तियों से निपटा जाएगा।

 

करोल बाग इलाके में 108 फुट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति के पास से अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुनवाई करने के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने ये भी पूछा कि आखिर क्यों कार पार्किंग और कमर्शियल एक्टिविटी को इलाके में परमिशन दी गई है। सुनावाई के दौरान अतिक्रमण कर मंदिर बनाने को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से बताया गया कि फिलहाल मंदिर का रखरखाव और संचालन एक ट्रस्ट कर रहा है। एजेंसी ट्रस्ट के खातों की भी जांच कर रही है। वहीं पीडब्ल्यूडी ने कहा कि ये रोड हमें 2013 के बाद मिली है और मंदिर का निर्माण इससे पहले ही हो चुका था। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्रॉपर्टी को कोई भी ट्रस्ट कैसे कब्जा कर सकता है।

 

गौरतलब है कि कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि धार्मिक ढांचों को निजी लाभ के लिये सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 108 फुट कद वाली इस प्रतिमा के कारण अतिक्रमण बढ़ रहा है। इसीलिए हनुमान जी की मूर्ति को एयरलिफ्ट कर दूसरी जगह पर शिफ्ट करने पर विचार करने का आदेश दिया था।
 

Created On :   13 Dec 2017 4:38 AM GMT

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