दिल्ली में आज भी दिखेगा बंद का असर, व्यापारी पीछे हटने को तैयार नहीं

Delhi traders body demands amnesty scheme against sealing drive
दिल्ली में आज भी दिखेगा बंद का असर, व्यापारी पीछे हटने को तैयार नहीं
दिल्ली में आज भी दिखेगा बंद का असर, व्यापारी पीछे हटने को तैयार नहीं

डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। दिल्ली में सीलिंग विवाद को लेकर बंद का शनिवार को दूसरा दिन है। व्यापारी संगठनों के आह्वान के बाद शुक्रवार को दिल्ली के कई बाजार बंद रहे थे। हालांकि व्यापारियों को राहत देने के लिए LG के निवास पर डीडीए ने अहम बैठक कर तीन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी थी। इन प्रस्तावों को मंजूरी देने के बाद बंद का कितना असर शनिवार को बाजारों पर दिखता है ये देखना होगा। मालूम हो कि बंद के पहले दिन दिल्ली के लगभग 2500 बाजार ओर 7 लाख से ज्यादा कारोबारी प्रतिष्ठानों को बंद रखने का दावा किया गया था।  कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सीलिंग का तत्काल कोई हल नहीं निकाला गया तो वे बेमियादी बंद पर विचार करेंगे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री  ने ये बंद बुलाया है। वहीं इस बंद का बीजेपी, कांग्रेस और आप तीनों समर्थन कर रही है। हालांकि व्यापारियों ने साफ कह दिया है कि इस मामले पर राजनीति न की जाए और पॉलिटिकल पार्टियां इससे दूर रहे।

 

 

1800 करोड़ का कारोबार प्रभावित

व्यापारियों का कहना है कि जब तक सरकार पूर्ण रूप से सीलिंग से राहत नहीं देती है तब तक व्यापारी पीछे नहीं हटेंगे। शनिवार को भी दिल्ली का व्यापार बंद रखा जाएगा। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन व चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के आह्वान पर केमिस्ट, खान मार्केट व गली-मोहल्लों के पर्चुन के दुकानों को छोड़ दिल्ली के ज्यादातर थोक व रिटेल बाजार पूरी तरह बंद रहे। एक अनुमान के अनुसार, शुक्रवार को व्यापार बंद के दौरान दिल्ली में करीब 1800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। इस वजह से सरकार को लगभग 150 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

 

व्यापारियों ने केंद्र सरकार से मांग की है की दिल्ली को सीलिंग से बचाने के लिए तुरंत एक अध्यादेश लाए और सील हुईं दुकानों की सील खोली जाए। फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष अजय अरोड़ा ने कहा कि सरकार सिर्फ व्यापारियों को प्रलोभन दे रही है, जब तक केंद्र सरकार यह घोषणा नहीं करती है कि व्यापारियों पर से लटकी सीलिंग की तलवार हट गई है तब तक व्यापारी सड़क पर विरोध दर्ज कराएंगे।

 

सीटीआई के कन्वीनर बृजेश गोयल और हेमंत गुप्ता ने कहा कि दिल्ली बंद के दौरान दिल्ली की 8 लाख दुकानें और 1.5 लाख फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद रहीं। इस बंद को 750 से अधिक ट्रेड एसोसिएशंस और 20 से अधिक इंडस्ट्रियल एरिया ने समर्थन दिया है। महासचिव रमेश आहूजा ने बताया कि शनिवार को सीटीआई की ओर से 100 से अधिक बाजारों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 

 

 


3 प्रस्ताव पास

सीलिंग पर बढ़ते विरोध के बीच शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल के निवास पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की अहम बैठक हुई। इस बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए हैं।  इन प्रस्तावों के अनुसार एफएआर (FAR) को बढ़ाकर 350 किया जाएगा। कनवर्ज़न चार्ज जो 10 गुना है वो कम करके दोगुना किया जाएगा और 12 मीटर की सड़कों पर कृषि गोदामों को रेगुलराइज़ किया जाएगा। इस बैठक में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेताओं के साथ डीडीए के अधिकारी और सदस्य मौजूद थे। नेताओं में सोमनाथ भारती, एसके बग्गा, विजेंदर गुप्ता, ओपी शर्मा शामिल हुए। बैठक मे मंजूर हुए निर्णयों को अंतिम स्वीकृति के लिए शहरी आवास एवं विकास मंत्रालय में भेजा जाएगा।

 

 

सीलिंग पर बीजेपी-आप आमने सामने

दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे ने आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच नया जंग का मैदान तैयार कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे पर चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर धक्का-मुक्की और गालियों तक पहुंच चुका है। मंगलवार 30 जनवरी को इस मुद्दे पर होने वाली चर्चा में यहीं सब कुछ देखने को मिला था। दरअसल, दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए बीजेपी नेता  सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे थे। चर्चा के दौरान ही वाद-विवाद इतना बढ़ गया कि बहस शुरू हो गई। बीजेपी नेताओं ने तो आप समर्थकों पर मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाते हुए FIR भी दर्ज करवाई थी। विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि सरकार को व्यापारियों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस मुद्दे का सही हल निकाला जाना जरूरी है।

 

 
ये  है सीलिंग विवाद

दिल्ली में मास्टर प्लान 2021 के लिए रिहायशी इलाकों में कमर्शियल गतिविधियों पर रोक का प्रावधान है।
इसमें कन्वर्जन का भी एक प्रस्ताव है, जिसके तहत रिहायशी इलाकों का लैंड यूज बदलवाया जा सकता है।
इसके लिए कारोबारियों को कन्वर्जन फीस जमा करनी होगी।
इस मास्टर प्लान का व्यापारी वर्ग का विरोध कर रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि इस प्लान से उनकी जमी हुई दुकानें खत्म हो जाएंगी।
व्यापारी कन्वर्जन चार्ज अधिक होने पर भी आपत्ति जता चुके हैं।

Created On :   3 Feb 2018 8:19 AM IST

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