पहली कमर्शियल फ्लाइट के लिए तैयार मेड इन इंडिया 'DORNIER' विमान

DGCA approves HALs made-in-India Dornier 228 for commercial use
पहली कमर्शियल फ्लाइट के लिए तैयार मेड इन इंडिया 'DORNIER' विमान
पहली कमर्शियल फ्लाइट के लिए तैयार मेड इन इंडिया 'DORNIER' विमान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यात्री अब जल्द ही मेड इन इंडिया विमान से हवाई सफर कर सकेंगे। दरअसल डॉर्नियर-228 विमान को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कमर्शियल उड़ान भरने की इजाजत दे दी है। इस विमान का निर्माण हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) ने किया है। यह पहला मौका है जब किसी घरेलू कंपनी के निर्मित विमान को डीजीसीए ने कमर्शियल उड़ान की मंजूरी दी है।

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हाल ही में डॉर्नियर की परीक्षण उड़ान कानपुर में की गई है, जो सफल रही है। इस विमान में 19 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। डीजीसीए की अनुमति मिलने के बाद एचएएल अब भारत में एयरलाइन कंपनियों को विमान बेच भी सकेगी।

 

डॉर्नियर 228 की व्यावसायिक उड़ान से सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिलेगा। अभी तक घरेलू एयरलाइंस सभी आकारों तथा वजन वाले विमानों की खरीद विदेशों से करती हैं। इसके अलावा माना जा रहा है कि एचएएल विनिर्मित विमान से सरकार की महत्वाकांक्षी उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को भी बढ़ावा मिलेगा। यह योजना उचित कीमत पर विमान सुविधाओं से वंचित या कम उड़ानों वाले क्षेत्रों के लिए है।

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एचएएल डॉर्नियर-228 विमान का निर्यात करने की भी तैयारी की जा रही है। नेपाल और श्रीलंका में इसका निर्यात किया जा सकता है। HAL के अधिकारियों के मुताबिक डॉर्नियर विमानों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने कानपुर में पहले ही विशेष असेंबली लाइन शुरू कर दी है।

 

डॉर्नियर-228 का एयर टैक्‍सी और टोही विमान के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा सकता है। तटरक्षक बल भी 19 सीटर विमान का प्रयोग कर सकते हैं। शस्त्र बल पहले से ही डॉर्नियर-228 का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

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मेक इन इंडिया का ये विमान 700 किलोमीटर तक 428 किमी की अधिकतक रफ्तार से उड़ान भर सकता है। मालूम हो, कानपुर स्थित एचएएल का 1960 से ही ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट डिवीजन है।

 

Created On :   27 Dec 2017 9:52 AM IST

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