मिसाइलों की मार में चीन के सामने भारत कहां टिकता है ? जानिए हमारी ताकत

Do you know where India stand in front of China
मिसाइलों की मार में चीन के सामने भारत कहां टिकता है ? जानिए हमारी ताकत
मिसाइलों की मार में चीन के सामने भारत कहां टिकता है ? जानिए हमारी ताकत

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत और चीन बॉर्डर पर अभी जिस तरह का टेंशन चल रहा है उससे कई लोगों में ये डर है कि कहीं 'वार' की कंडीशन न पैदा हो जाए। चीन का ये मानना है कि भारत चीन के मुकाबले कमजोर है और युद्ध में वो चीन के सामने ज्यादा देर तक नहीं टिक पाएगा और उसकी हालत 1962 जैसी ही होगी। हालांकि डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली साफ कर चुके हैं कि 1962 के भारत और 2017 के भारत में बहुत अंतर है और भारत चीन को जवाब देने में सक्षम है। तो आज हम आपको बताते हैं कि यदि वाकई में 'वार' होता है तो भारत-चीन के सामने कहां टिका है और किस तरह उसकी हरकतों का दवाब देने में सक्षम है।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना

अमेरिका के दो न्यूक्लियर एक्सपर्ट हैंस एम क्रिस्टेंसन और रॉबर्ट एस नॉरिस का कहना है कि भारत अपने Nuclear Weapons को लगातार Modern बनाते जा रहा है। पहले अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए भारत ने जो Nuclear Policy बनाई थी, अब वो चीन पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। इससे साफ है कि भारत कई साल पहले से ही चीन से निपटने के लिए तैयारियां शुरु कर दी है। दोनों एक्सपर्ट्स ने 'Indian Nuclear Forces-2017' में एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें कहा गया था कि भारत के 150-200 Nuclear Weapons बनाने के लिए पर्याप्त प्लूटोनियम है लेकिन उसने सिर्फ 120-130 Nuclear Weapons ही बनाए हैं।

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इसके अलावा एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि भारत के पास इस समय 7 Nuclear capable system है, जिसमें 2 विमान, 4 जमीन पर मौजूद बैलेस्टिक मिसाइल और 1 समुद्र में मौजूद बैलेस्टिक मिसाइल है। इसके साथ ही भारत कम से कम 4 और नए सिस्टम पर काम कर रहा है।

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अग्नि मिसाइलें

भारत के पास शानदार 'अग्नि मिसाइलें' है, जिससे वो लंबी दूरी तक टारगेट कर सकता है। 'अग्नि-1' से 700 किमी, 'अग्नि-2' से 2000 किमी से ज्यादा दूरी को टारगेट करने में सक्षम है। इसके साथ ही 'अग्नि-3' और 'अग्नि-4' से 2500 से लेकर 3500 किमी तक टारगेट किया जा सकता है।

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अग्नि-5 मिसाइल

भारत ने जमीन से जमीन पर मारने वाली Intercontinental ballistic missile (ICBM) टेक्नोलॉजी से 'अग्नि-5' मिसाइल बनाई है, जो 5000 किमी से ज्यादा तक टारगेट कर सकती है। बैलेस्टिक मिसाइल होने के कारण ये रडार पर भी आसानी से नहीं आती और इसका पता लगाना लगभग नामुमकीन है। इस मिसाइल का वजन 50 टन और लंबाई 17 मीटर है। इस मिसाइल की मदद से भारत पूरे पाकिस्तान और चीन को टारगेट कर सकता है, यहां तक कि यूरोप को भी टारगेट करने में सक्षम है। अग्नि सीरीज की ये सबसे खतरनाक मिसाइल है। पहली बार 2012 में 'अग्नि-5' का टेस्ट किया गया था और ये मिसाइल पूरी तरह से Made In India है। अग्नि-5 आसानी से 1000 टन न्यूक्लियर वॉर हेड ले जा सकता है।

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ब्रह्मोस

अग्नि सीरीज के अलावा ब्रह्मोस मिसाइलें भी है, जिससे चीन को आसानी से टारगेट किया जा सकता है। इसे भारत और रुस ने मिलकर बनाया है। 952 मीटर / सेकंड की स्पीड से चलने वाली ये मिसाइल चीन के रडार को मात देकर आसानी से उसे टारगेट कर सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल 290 किमी तक के टारगेट को आसानी से मार सकती है।

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चीन की क्या है हालत

 चीन के पास DF-11, DF-15 और DF-21 बैलिस्टिक मिसाइल है। ये मिसाइलें 1000 किमी तक टारगेट कर सकती है और भारत के पास इसका कोई तोड़ नहीं है लेकिन इसका मुकाबले करने के लिए भारत के पास अग्नि मिसाइलें। यदि चीन किसी भी तरह से हमता करता है तो भारत अग्नि मिसाइल के दम पर चीन को तबाह कर सकता है। इसलिए चीन की घबराहट तेज है और वो कभी भी नहीं चाहेगा कि मिसाइल का इस्तेमाल हो। इसके अलावा चीन वियतनाम से लड़ाई के बाद कभी भी नहीं लड़ा है जबकि भारत आए दिन पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब देते रहता है। इससे साफ है कि भारत ने जिस तरह से आजादी के बाद से अपनी इकॉनमी में ग्रोथ की है, उसी तरह से उसने अपने डिफेंस सेक्टर में भी हथियारों की संख्या बढ़ाई है।

भारत के साथ है पूरी दुनिया

यदि भारत और चीन के बीच युद्ध होता है तो भारत का साथ देने के लिए कई देश उसके साथ है। हिंद प्रशांत महासागर पर चीन के बढ़ती हरकतों से अमेरिका पहले ही चीन को चेतावनी दे चुका है कि यदि भारत को कुछ होता है तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा। जबकि जापान पहले ही भारत के साथ है। हाल ही में अमेरिका-भारत और जापान के बीच साझा एक्सरसाइज हुई थी, जिससे भी चीन घबराया हुआ है। वहीं भारत, इंडोनेशिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एक साथ काम करने का आह्वान किया है।
चीन कर सकता है Water Bomb का इस्तेमाल

bhaskarhindi.com ने आपको बताया था कि चीन दुनिया में डेम बनाने के लिए फेमस है और उसने तिब्बत के कई नदियों पर कब्जा कर उस पर डेम बना लिए हैं। इसके अलावा भारत की भी ब्रह्मपुत्र नदी पर डेम बनाकर रखा है। ऐसे में चीन इस पानी का Water Bomb के रुप में इस्तेमाल कर सकता है। कई साइंटिस्टों का मानना है कि यदि चीन और भारत के बीच टेंशन ज्यादा बढ़ता है तो भारत को सबक सिखाने के लिए चीन सबसे पहले Water Bomb से हमला कर सकता है। अगर चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर बने डेम को खोल देता है तो उससे असम, बंगाल, मेघालय और बांग्लादेश को पूरी तरह से डुबा सकता है।

Created On :   26 July 2017 11:27 AM IST

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