अर्थव्यवस्था सर्कस का शेर नहीं जो रिंगमास्टर के इशारे पर नाचेगा : चिदंबरम

Economy is not the lion of the circus who will dance at the behest of the ringmaster: Chidambaram
अर्थव्यवस्था सर्कस का शेर नहीं जो रिंगमास्टर के इशारे पर नाचेगा : चिदंबरम
अर्थव्यवस्था सर्कस का शेर नहीं जो रिंगमास्टर के इशारे पर नाचेगा : चिदंबरम
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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को केंद्र सरकार के अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के दावों की हवा निकाल दी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था काफी हद तक बाजार पर निर्भर है और ये मांग और आपूर्ति के सिद्धांतों पर काम करता है।

उन्होंने कहा, जब तक सरकार गरीबों की जेब में पैसा नहीं डालेगी, और गरीबों की थाली में भोजन नहीं आएगा, तब तक अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित नहीं होगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि वो गलत कह रहे हैं तो बस सरकार बिहार के मतदाताओं की आवाज सुने और उनके मौजूदा संकट पर गौर करे। लोगों के पास या तो कोई काम नहीं है या पर्याप्त काम नहीं है, या तो कोई आय नहीं है या थोड़ी आय है, और उनका सारा ध्यान जिंदा रहने पर है, खर्च करने पर नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई गवर्नर और सेबी के अध्यक्ष वित्तमंत्री को बताएं कि अधिकांश लोगों के पास कुछ खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं।

चिदंबरम ने सरकार का मजाक उड़ाते हुए कहा, क्या यह दिलचस्प नहीं है कि आरबीआई गवर्नर, सेबी के अध्यक्ष और डीईए सचिव को एक ही विषय पर एक ही दिन में बोलना चाहिए। इन तीनों ने अर्थव्यवस्था पर बात करने की कोशिश तो की है। काश कि अर्थव्यवस्था एक सर्कस का शेर होती जो रिंगमास्टर के इशारे पर इधर से उधर हो जाती!

इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब फिर से चल पड़ने की स्थिति में आ गई है।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए, दास ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वित्तीय संस्थाओं के पास विकास को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त पूंजी हो। उन्होंने कहा कि उनमें से कई पहले ही पूंजी जुटा चुके हैं जबकि अन्य भी ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महामारी खत्म होने के बाद सरकार को देश के लिए एक राजकोषीय रोडमैप तैयार करना होगा।

आर्थिक मामलों के सचिव, तरुण बजाज ने बुधवार को कहा था कि केंद्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है।

सीआईआई के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों और क्षेत्रों से सुझाव मिले हैं।

बजाज ने यह भी कहा कि अगला केंद्रीय बजट तैयार करते समय, सरकार इस वर्ष के खर्च और विभिन्न मंत्रालयों की मांगों को भी ध्यान में रखेंगी।

एसकेपी/एसजीके

Created On :   22 Oct 2020 5:31 PM IST

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