चुनाव आयोग ने इंटरव्यू के लिए राहुल गांधी को भेजा नोटिस वापस लिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इंटरव्यू देने के लिए जारी नोटिस वापस ले लिया है। आयोग ने यह नोटिस 13 दिसंबर को दूसरे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले जारी किया गया था। जिसमें चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से सवाल किया था कि आचार संहिता उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? इस पर उनसे 18 दिसंबर को शाम पांच बजे से पहले जवाब मांगा गया था।
अगर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को जारी किया गया नोटिस वापस ले लिया है तो दो वास्तविक प्रश्नों से पूछे जाने चाहिए।
1. क्या साक्षात्कार दिखाने से टीवी चैनलों को रोकने के लिए यह एकमात्र चाल थी?
2. क्या पीएम और मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई या पंजीकरण प्राथमिकी न होना औचित्य है?
If Election Commission has withdrawn its notice issued to Sh. Rahul Gandhi, two bonafide questions must be asked-:
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) December 17, 2017
1. Was it a mere ploy to prevent TV channels from showing his interview? and
2. Is it a justification for no action or registration of an FIR against PM Ministers?
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राहुल गांधी पर नोटिस जारी होने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच काफी आरोप-प्रत्यारोप लगे थे। कांग्रेस ने भाजपा पर पत्रकारों को धमकाने का आरोप भी मढ़ा था। इसके साथ ही चुनाव आयोग पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप भी लगाए गए थे। चुनाव आयोग का यह फैसला गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणामों से ठीक एक दिन पहले आया है।
नई समिति बनाने का भी फैसला
इस मामले के चलते चुनाव आयोग ने नए दिशा-निर्देशों को लेकर नई समिति बनाने का भी फैसला किया है। यह समिति अलग-अलग पक्षों से बात करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी।कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को रात्रिभोज दिया।
कांग्रेस ने आयोग के सामने रखा पक्ष
कांग्रेस सांसदों के साथ कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने रात्रिभोज में शिरकत की। राहुल की इस पहल को विपक्षी नेताओं को साथ लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इस रात्रि भोज का आयोजन ऐसे समय किया गया जब विपक्ष संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा है। आयोग का कहना है कि राहुल गांधी को दिए नोटिस के बाद कांग्रेस ने आयोग के सामने पक्ष रखा।
आयोग ने जन प्रतिनिधि कानून 1951 के सेक्शन 126 की समीक्षा के लिये एक कमेटी बना दी है। कानून के इस सेक्शन के तहत चुनाव से 48 घंटे पहले किसी तरह के प्रचार की इजाज़त नहीं होती। निर्वाचन आयोग अभी भी सत्तारूढ़ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सका है, बल्कि अभी जांच कर रहा है।
Created On :   18 Dec 2017 7:22 AM IST