ताज शहर के अंग्रेजी कवि को मिली अंतर्राष्ट्रीय ख्याति

English poet of Taj city got international fame
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आगरा, 13 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदी का गढ़ माने जाने वाले आगरा में रहने वाले एक अंग्रेजी कवि को भारत के 25 सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी भाषा के कवियों में शुमार किया गया है।

आगरा के एक सफल व्यवसायी राजीव खंडेलवाल को आखिरकार भारतीय अंग्रेजी कविता में उनके विशिष्ट योगदान और समाज में सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए मान्यता मिली।

इंटरनेशनल सूफी सेंटर और सूफी वल्र्ड जल्द ही भारत से अंग्रेजी भाषा में 25 सर्वश्रेष्ठ कवियों द्वारा लिखी गई कविताओं का संकलन प्रकाशित करेगा।

इंटरनेशनल सूफी सेंटर के ट्रस्टी और सूफी वल्र्ड के संपादक ने इन 25 कवियों को भारतीय अंग्रेजी कविता में उनके विशिष्ट योगदान के लिए और सांप्रदायिक सौहार्द और विश्व मानवतावाद के लिए मानव जाति को प्रभावित करने में उनके अग्रणी योगदान के लिए नामित किया है।

राजीव खंडेलवाल इंजीनियर भी हैं, उन्होंने अब तक पांच कविता संस्करण प्रकाशित किए हैं। इन्हें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय आलोचकों से आलोचनात्मक प्रशंसा मिली है। उन्हें पीसीपी प्रेम द्वारा संपादित हिस्ट्री ऑफ कंटेंपररी इंडियन इंग्लिश पोएट्री- एन अप्रैजल (2019) में भी दर्ज किया गया है।

उन्हें कई संकलनों में स्थान मिला है, जो भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कविता पत्रिकाओं में व्यापक रूप से प्रकाशित हुए हैं।

राजीव को साल 2018 में नाजी नामन के फाउंडेशन फॉर ग्रैटीस कल्चर ऑफ लेबनान द्वारा स्थापित ल्रिटेररी क्रिएटिव अवॉर्ड भी मिला है।

दिलचस्प बात यह है कि प्रोफेसर वीवीबी रामाराव, स्वर्गीय डॉ. सोम पी. रंचन और डॉ. भूपिंदर परिहार द्वारा उनकी कविता पर तीन महत्वपूर्ण विश्लेषण भी लिखे गए हैं।

साल 1957 में कानपुर में जन्मे राजीव ने बीआईटीएस, पिलानी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वहीं इससे पहले की पढ़ाई उन्होंने आगरा और कानपुर में कॉन्वेंट से की है।

रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स, लंदन के रेजीनाल्ड मैसी ने राजीव की कविता के बारे में लिखा, इन कविताओं में मैं नई दुनिया की नई पीढ़ी को प्रेम के गीत गाते हुए देखता हूं।

राजीव खंडेलवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, आलोचक मुझे आमतौर पर एक प्रेम कवि कहते हैं, क्योंकि मेरी ज्यादातर कविताएं स्वतंत्र हैं और वह स्ट्रक्चरल मैट्रिक्स में नहीं हैं, प्यार पर लिखा है, हालांकि मैंने सामाजिक मुद्दों पर भी लिखा है। मैंने अब तक 450 कविताएं लिखी हैं। मैंने 1996 में पहली बार लिखना शुरू किया था, जबकि मेरा पहला खंड 1998 में प्रकाशित हुआ था।

एमएनएस/एसजीके

Created On :   13 Sep 2020 11:30 AM GMT

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