सबूतों से छेड़छाड़ मामला: दिल्ली की अदालत ने अंसल बंधुओं की सजा बरकरार रखी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यहां की एक अदालत ने सोमवार को 1997 के उपहार सिनेमा हॉल अग्निकांड से जुड़े साक्ष्यों से छेड़छाड़ मामले में गोपाल अंसल और सुशील अंसल की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
8 जुलाई को, जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने रियल एस्टेट टाइकून द्वारा उनकी सजा और सबूतों के साथ छेड़छाड़ के लिए सात साल की जेल की सजा को चुनौती देने वाली अपील पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।
विस्तृत आदेश बाद में दिन में उपलब्ध कराया जाएगा। मंगलवार को अदालत सजा की मात्रा पर दलीलें सुनेगी। हालांकि, मामले के सह-आरोपियों में से एक अनूप सिंह को जमानत दे दी गई थी।
पिछली सुनवाई के दौरान, उपहार त्रासदी के पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने प्रस्तुत किया कि अंतिम वांछित परिणाम केवल दस्तावेजों और अदालत के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ तक ही सीमित नहीं था, बल्कि मुख्य उपहार मामले में सुशील अंसल गोपाल अंसल और एच.एस. पंवार को बरी करने को लेकर भी है।
8 नवंबर, 2021 को पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डॉ. पंकज शर्मा ने सबूतों से छेड़छाड़ मामले में दोनों पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा अंसल को सात साल कैद की सजा सुनाई थी।
अदालत ने अदालत के पूर्व कर्मचारी पी.पी. बत्रा, अनूप सिंह और दिनेश चंद शर्मा पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया। शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा, बहुत सोचने के बाद, मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि वे सजा के पात्र हैं।
दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को बताया था कि अंसल अपनी जेल की सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिका में उनके बुढ़ापे का फायदा नहीं उठा सकते हैं। 13 जून, 1997 को, हिंदी फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के बीच दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क में स्थित उपहार सिनेमा में आग लग गई, जिसमें देश की सबसे भीषण त्रासदियों में से 59 लोगों की मौत हो गई।
आईएएनएस
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Created On :   18 July 2022 6:00 PM IST