नहीं रहे इसरो के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव, जीएसएलवी के लिए की थी पहल

डिजिटल डेस्क,बैंगलुरू। जाने माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव (85) का सोमवार को दिल की बीमारी के चलते निधन हो गया। इसरो के जनसंपर्क निदेशक देवीप्रसाद कार्णकि ने कहा, राव ने कल देर रात करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। इसरो के अधिकारियों ने बताया कि वह काफी समय से बीमारियों से जूझ रहे थे और उन्होंने आज सुबह अपने आवास पर आखिरी सांस ली।
राव के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। कर्नाटक में उडुपी जिले के अडामारू क्षेत्र में जन्मे राव अभी तक इसरो के सभी अभियानों में किसी न किसी तरह शामिल थे। भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और प्राकृतिक संसाधनों की रिमोट सेंसिंग एवं संचार में इसके उपयोग में उनके इनक्रेडिबल योगदान के लिए उन्हें पहचाना जाता है। वह अहमदाबाद में फिजिक्स रिसर्च लैब के गवर्निग काउंसिल के अध्यक्ष और तिरुवनंतपुर में भारतीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट के वाइल चान्सलर रहे थे साथ ही राव 1984-1994 तक इसरो के अध्यक्ष रहे।
पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित
अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार 1984 में अंतरिक्ष विभाग का सचिव और अंतरिक्ष आयोग का अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने रॉकेट प्रौद्योगिकी विकास को रफ़्तार दी। इससे आगे चलकर एएसएलवी रॉकेट का सफल प्रक्षेपण हो सका। इतना ही नहीं इससे दो टन तक के उपग्रहों को धुव्रीय कक्षा में स्थापित करने वाले पीएसएलवी का भी सफल प्रक्षेपण संभव हुआ। उन्होंने वर्ष 1991 में क्रायोजेनिक तकनीक और भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण (जीएसएलवी) के विकास की पहल भी की। भारतीय अंतरिक्ष तकनीक में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1976 में पद्म भूषण और 2017 पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
350 से ज्यादा जनरल और कई किताबें प्रकाशित
राव के 350 से अधिक वैज्ञानिक एवं तकनीकी पत्र प्रकाशित हुए,जिनमें कॉस्मिक किरणें, अंतरग्रहीय भौतिकी, उच्च ऊर्जा खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष अनुप्रयोग, उपग्रह एवं रॉकेट प्रौद्योगिकी के विषय शामिल थे। उन्होंने कई किताबें भी लिखी। राव पहले भारतीय वैग्यानिक हैं जिन्हें 19 मार्च 2013 में वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया और मैक्सिको के ग्वाडलाजारा में 'आईएएफ हॉल ऑफ फेम' में शामिल करके सम्मानित किया गया।
Created On :   24 July 2017 8:34 AM IST