फीडबैक निराशाजनक, लेकिन डीआरएस पूरे रणजी ट्रॉफी में लागू नहीं कर सकते : करीम

Feedback disappointing, but DRS cannot apply throughout Ranji Trophy: Karim
फीडबैक निराशाजनक, लेकिन डीआरएस पूरे रणजी ट्रॉफी में लागू नहीं कर सकते : करीम
फीडबैक निराशाजनक, लेकिन डीआरएस पूरे रणजी ट्रॉफी में लागू नहीं कर सकते : करीम
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  • लेकिन डीआरएस पूरे रणजी ट्रॉफी में लागू नहीं कर सकते : करीम

आकाश कुमार

नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)। रणजी ट्रॉफी 2019-20 सीजन में कई चीजें ऐसी रहीं जो पहली बार हुईं। सौराष्ट्र ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता तो पहली बार ही निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का प्रयोग हुआ। यह प्रयोग हालांकि सीमित रहा।

बीसीसीआई के महाप्रबंधक क्रिकेट संचालन सबा करीम ने आईएएनएस से कहा कि डीआरएस के सीमित प्रयोग ने अपना काम किया और इससे खिलाड़ी तथा मैच अधिकारी दोनों काफी खुश दिखे। करीम के मुताबिक इससे कई तरह की अंपायरिंग गलितयां कम हुईं जो पिछले सीजन नॉक आउट दौर में देखी गई थीं।

करीम ने कहा, सीमित डीआरएस का परिणाम देखकर मैं काफी खुश हूं। मैंने खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, मैच अधिकारियों से बात की। इसके पीछे विचार इन लोगों को तब के लिए तैयार करने का था जब सभी मैच डीआरएस के रहते खेले जाएंगे। इससे यह लोग उसे समझने और उसके मुताबिक काम करने को लेकर तैयार रहेंगे।

उन्होंने कहा, पिछले सीजन में हमने जो गलतियां की थीं हम इस बार उन्हें दूर करने में सफल रहे।

करीम से जब पूछा गया कि इसके प्रति खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की क्या प्रतिक्रिया रही तो उन्होंने कहा, बड़े पैमाने पर खिलाड़ी और मैच अधिकारी काफी खुश रहे। चूंकि डीआरएस का प्रयोग सीमित तौर पर किया गया तो खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों को बता दिया गया था कि इसे कैसे उपयोग में लेना है, कितनी बार, किस तरह के फैसलों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

पूर्व विकेटकीपर ने कहा, जाहिर सी बात है कि इसे लेकर कुछ शंका जरूर रही, लेकिन कुल मिलाकर खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से जो प्रतिक्रिया मिली है वो अच्छी रही है।

करीम ने साथ ही कहा कि अभी तक उन्होंने डीआरएस को रणजी ट्रॉपी में जारी रखने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।

उन्होंने कहा, खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों से लगातार इस संबंध में चर्चा की गई है कि इसे कैसे आगे ले जाना है। अब जबकि सीजन पूरा हो चुका है तो अगले सीजन से पहले हमें माथापच्ची करनी होगी और देखना होगा कि इसे कैसे आगे ले जाना है।

दाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, आप इसे पूरे टूर्नामेंट में नहीं लागू कर सकते क्योंकि सभी मैच टीवी पर नहीं आते। सिर्फ सेमीफाइनल और फाइनल आते हैं। यह एक मुद्दा है। इसलिए समानता बनाए रखने के लिए हम इसे पूरे टूर्नामेंट में लागू नहीं कर सकते।

Created On :   24 March 2020 6:31 PM IST

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