चारा घोटाला : दुमका ट्रेजरी केस में फैसला सोमवार को, लालू समेत 31 लोग हैं आरोपी

Fodder Scam: Verdict in Dumka Treasury case against Lalu Yadav on Monday
चारा घोटाला : दुमका ट्रेजरी केस में फैसला सोमवार को, लालू समेत 31 लोग हैं आरोपी
चारा घोटाला : दुमका ट्रेजरी केस में फैसला सोमवार को, लालू समेत 31 लोग हैं आरोपी

डिजिटल डेस्क, रांची। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस पर CBI कोर्ट अब सोमवार यानी 19 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी। घोटाले से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD चीफ लालू प्रसाद यादव समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया है। दुमका ट्रेजरी केस 3 करोड़ 13 लाख रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। बता दें कि चारा घोटाले से जुड़े 5 केस लालू यादव के खिलाफ चल रहे हैं, जिनमें से 3 पर फैसला आ चुकी है और तीनों ही मामलों में लालू को सजा हो चुकी है।

क्या है दुमका ट्रेजरी केस? 

जानकारी के मुताबिक, RJD चीफ लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 96 फर्जी वाउचर के जरिए साल 1995-1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से 3 करोड़ 13 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले। इन पैसों को जानवरों के खाने-पीने का सामान, दवाईयां और एग्रीकल्चर इक्यूपमेंट्स के नाम पर निकाला गया। उस दौरान इस दुमका ट्रेजरी से सिर्फ 1 लाख 50 हजार रुपए तक ही निकाले जा सकते थे। ये सब तब हुआ जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और इस केस में लालू के अलावा पूर्व सांसद आरके राणा, जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

10 साल तक की हो सकती है सजा

दुमका ट्रेजरी केस की सुनवाई पूरी हो चुकी है और सोमवार को इस पर फैसला आ सकता है। अभी तक चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में लालू यादव को सजा हो चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि चौथे केस में भी लालू को सजा हो सकती है। इस केस में लालू यादव समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। जानकारों के मुताबिक, इन धाराओं के तहत दोष साबित होने पर कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है।

लालू को इन तीन मामलों में हो चुकी है सजा : 

1. चाईबासा ट्रेजरी, 5 साल की सजा

लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में 24 जनवरी को सजा सुनाई गई थी। उनको 5 साल कैद और 5 लाख रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में फर्जी तरीके से 35 करोड़ 62 लाख रुपए निकाले गए थे। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था और 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का नाम शामिल है। सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे हुए आरोपियों में से दो सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जबकि तीन आरोपी दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेष प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गए थे।

2. देवघर ट्रेजरी, साढ़े 3 साल की सजा

चारा घोटाले के देवघर ट्रेजरी केस में रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 23 दिसंबर को फैसला सुनाया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने फैसला देते हुए 6 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था। जबकि लालू प्रसाद यादव की सजा का एलान 6 जनवरी को किया गया। कोर्ट ने लालू को साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। 16 दोषियों में से 10 को कोर्ट ने साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि 6 दोषियों को 7 साल की कैद और 10 लाख का जुर्माने की सजा सुनाई थी। बता दें कि देवघर ट्रेजरी से 89 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले गए थे।

3. चाईबासा ट्रेजरी, 5 साल की सजा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पहली बार चाईबासा ट्रेजरी केस से ही जुड़े एक अन्य मामले में 5 साल की सजा हो चुकी है। 3 अक्टूबर 2013 को रांची के सीबीआई जज प्रवास कुमार सिंह ने चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ 7 लाख की अवैध निकासी के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी और साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसी मामले में लालू के अलावा डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को भी 4 साल कैद और 21 लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही लालू पर 11 साल तक चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया गया था। फिलहाल इस मामले में लालू जमानत पर रिहा हैं।

लालू यादव पर चल रहे हैं 5 केस : 

1. चाईबासा ट्रेजरी : 37 करोड़ 7 लाख का गबन : लालू को 5 साल की सजा, 25 लाख का जुर्माना
2. देवघर ट्रेजरी : 89 लाख रुपए की अवैध निकासी : लालू को साढ़े तीन साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना
3. चाईबासा ट्रेजरी : 35 करोड़ 62 लाख रुपए का गबन : लालू को 5 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना
4. दुमका ट्रेजरी : 3 करोड़ 13 लाख रुपए का गबन : 16 मार्च को आ सकता है फैसला
5. डोरंडा ट्रेजरी : 184 करोड़ रुपए की फर्जी निकासी 

क्या है चारा घोटाला? 

चारा घोटाला पहली बार साल 1996 में सामने आया, जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। ये घोटाला तकरीबन 950 करोड़ रुपए का है। बताया जाता है कि चारा घोटाला 1984 से चला आ रहा था और कुछ अधिकारी फर्जी तरीके से सरकारी खजाने को खाली कर रहे थे। इस घोटाले को सबसे पहले 1993 में विधायक दिलीप वर्मा ने विधानसभा में उठाया था। इस घोटाले में पहली बार 27 जनवरी 1996 को चाईबासा थाने में केस दर्ज किया और बाद में पटना हाईकोर्ट ने 11 मार्च 1996 को इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। इस घोटाले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव समेत 56 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से कई आरोपियों की या तो मौत हो चुकी है या फिर सरकारी गवाह बन चुके हैं।

Created On :   17 March 2018 12:54 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story