लैंगिक न्याय के बिना संपूर्ण विकास संभव नहीं : मोदी

Full development is not possible without gender justice: Modi
लैंगिक न्याय के बिना संपूर्ण विकास संभव नहीं : मोदी
लैंगिक न्याय के बिना संपूर्ण विकास संभव नहीं : मोदी
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोई भी देश या समाज लैंगिक न्याय के बिना संपूर्ण विकास हासिल करने का दावा नहीं कर सकता है या न्यायपूर्ण समाज नहीं बन सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार ने कई बदलाव लाए हैं, चाहे वह सैन्य सेवा में महिलाओं की नियुक्ति हो या लड़ाकू पायलटों की चयन प्रक्रिया में हो या रात में खानों में काम करने की उनकी स्वतंत्रता के बारे में हो।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान समानता के अधिकार के प्रावधानों के तहत लैंगिक न्याय की गारंटी देता है, और भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद से महिलाओं को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित किया है।

उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद चुनावों में महिलाओं की भागीदारी अपने उच्चतम स्तर पर है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, आज, भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से है जो मातृत्व अवकाश में वेतन देने को मंजूरी देता है।

उन्होंेने कहा कि भारत में पहली बार शैक्षणिक संस्थानों में लड़कियों का नामांकन लड़कों की तुलना में अधिक है।

Created On :   22 Feb 2020 10:00 AM GMT

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