तीन तलाक खत्म करने के लिए शीत सत्र में विधेयक लाएगी केन्द्र सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को खत्म करने के लिए विधेयक पेश हो सकता है। इस्लाम धर्म में प्रचलित इस प्रथा को बैन करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार मसौदा तैयार कर रही है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे चुका है। साथ ही कोर्ट ने केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर कानून बनाने की सलाह दी थी।
संसद का शीत सत्र दिसंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। गुजरात चुनाव के चलते इस बार सत्र बेहद छोटा रहने वाला है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार की पूरी कोशिश रहेगी कि इस सत्र में वे विधेयक पास करवा लें। अब तक तीन तलाक को रोकने के लिए कोई सजा का प्रावधान नहीं है। सरकार इस पर कानून बनाकर इसे अपराध की श्रेणी में लाएगी, जिसके तहत अगर कोई शख्स ट्रिपल तलाक देता है तो वह एक दंडनीय अपराध होगा।
गौरतलब है कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो मामले की सुनवाई करते हुए तीन तलाक के खिलाफ फैसला दिया था। इस ऐतिहासिक फैसले में मुस्लिम पतियों द्वारा अपनी पत्नियों को तीन तलाक देने पर रोक लगा दी गई थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद भी तीन तलाक के कई मामले सामने आए हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा विरोध करने के बावजूद तलाक-ए-बिद्दत के जरिए तलाक देने के चलन में कोई कमी नहीं आई है।
एक बार में तीन तलाक यानी ट्रिपल तलाक
इसमें पति एक ही बार में फोन, ईमेल, मैसेज या आमने-सामने में तलाक-तलाक-तलाक कहकर अपनी पत्नी से सम्बन्ध खत्म कर लेता है। इसके बाद भी दोनों के बीच पेच-अप तभी हो सकता है, जब हलाला की प्रक्रिया से गुजरे। इसे इस्लाम में तलाक-ए-बिद्दत कहा जाता है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था।
Created On :   21 Nov 2017 11:24 AM GMT