प्रदूषण ने चेताया, सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम से सरकार रखेगी नजर

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। दिल्ली में पॉल्यूशन पर बिगड़े हालात के बाद अब सरकार एक्शन में नजर आ रही है। पॉल्यूशन और स्मॉग कम करन के लिए सराकार ने कड़े नियमों के लागू करने के साथ-साथ और भी कई पैंतरें आजमाना शुरू कर दिया है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने के लिए अब सैटेलाइट बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम से नजर रखेगी। पराली जलाए जाने से पैदा हुई धुंध और पॉल्यूशन का संकट गहराने के बाद केंद्र सरकार इस समस्या के समाधान के लिए ये तरीका अपनाएगी। गौरतलब है कि दिल्ली के आसपास के इलाकों और पंजाब-हरियाणा में किसानों ने फसलों के अवशेष के रूप में बची पराली को बड़े पैमाने पर जलाने से उठा धुआं दिल्ली में स्मॉग का कारण बन रहा है। इस पर रोक लगाने के तमाम कोशिशे नाकामियाब रहीं हैं और किान लगातार पराली जला रहे हैं, जिसके बाद अब केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को सैटेलाइट से निगरानी का उपाय अपनाना पड़ा है।
हालांकि पंजाब सरकार ने पराली जलाना रोकने के लिए अपने ऊपर सारा बोझ लेने से इनकार कर दिया है। दिल्ली में पॉल्यूशन को देखते हुए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बरार ने पराली जलाने पर रोक को लेकर तीन सुझाव पेश पेश किए हैं।
- पंजाब धान की पैदावार बंद कर सकता है, इसकी जगह वो फल सब्जी उगाए।
- मनरेगा के तहत किसानों को पांच-छह दिनों के लिए जॉब कार्ड किया जाए ताकि वो पराली हटा सकें।
- केंद्र सरकार डीजल पर कुछ सेस लगाए और इससे जमा पैसा पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को मुआवजे को तौर पर दिया जाए।
सांस लेना भी हुआ मुश्किल
दिल्ली में आलात इतने बत्तर हो गए है कि घर से खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। बीते दो दिनों में राजधानी क्षेत्र में धुंध की समस्या गहराने के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण और दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से इस समस्या से निपटने के लिए सरकार से किए गए उपायों की रिपोर्ट मांगी गई। रिपोर्ट में पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रुति राय भारद्वाज की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि मंत्रालय ने दिल्ली और आसपास के राज्यों में किसानों के जरिए पराली जलाने पर सेटेलाइट से निगरानी रखने और मौसम में बदलाव का अध्ययन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
सरकार के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में किसानों के पराली जलाने पर रोक सही ढंग से लागू नहीं की गई है और आदेशों को किसान लगातार नजंर अंदाज कर रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में इस प्रतिबंध के प्रभावी नहीं हो पाने की वजह से दिल्ली में स्मॉग का संकट गहराने की आशंका जताई गई है। इस बीच दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों ने इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने को कहा है।
दिल्ली सरकार ने धुंध कोकम करने के लिए कृत्रिम बारिश का सहारा लेने की बात कही है। इसके लिए केंद्र सरकार से हेलिकॉप्टर मुहैया कराने को भी कहा गया है। वहीं पंजाब और हरियाणा सरकार ने पराली को जलाने के लिए किसानों को वैकल्पिक तकनीकी मदद मुहैया कराने की केंद्र सरकार से मांग की है।
धुंध ने ली जान
धुंद की वजह से सड़को पर विजीविलीटि ना के बराबर है। जिस वजह से सड़क हादसे बढ़े हैं। पिछले दिनों धुंध की वजह से हुए सड़क हादसों में 17 लोगों की मौत हो गई थी। बुधवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 40 वाहन टकरा गए, जिससे एक की मौत हो गई। वहीं गुरुवार को घूमने निकले पांच दोस्तों की कार यमुना नदी में गिर गई। तीन दोस्त तो सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन दो की मौत हो गई, जिनकी पहचान दीपक और किशन के रूप में हुई है।
Created On :   10 Nov 2017 8:46 AM IST