2012 के मुकाबले ज्यादा सीटें दिलाने वाले राहुल का अगला प्लान क्या ?

gujarat election result play a important role for rahul gandhi and congress
2012 के मुकाबले ज्यादा सीटें दिलाने वाले राहुल का अगला प्लान क्या ?
2012 के मुकाबले ज्यादा सीटें दिलाने वाले राहुल का अगला प्लान क्या ?

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। बीजेपी भले ही एक बार फिर गुजरात में सरकार बनाने जा ही है, लेकिन कांग्रेस की बढ़त भी इस चुनाव में चर्चा का विषय है। सारी एग्जिट पोल्स को अंगूठा दिखाते हुए गुजरात चुनाव के नतीजे भविष्य की अलग ही राजनीति की ओर इशारा कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में भले ही बीजेपी शानदार बहुमत के साथ सत्ता के शिखर पर बैठ रही है, लेकिन गुजरात के नतीजे बीजेपी के लिए बहुत सारे सवाल छोड़कर जा रहे हैं। जिस कांग्रेस और राहुल गांधी को बीजेपी खारिज करती रही है, वही राहुल सूबे के मुकाबले में बराबरी से मोर्चा संभालते हुए दिखे। बीजेपी ने यहां की 182 विधानसभा सीटों में से 99 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस गठबंधन ने यहां 80 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसमें कांग्रेस को 77, भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 और एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है। जबकि अन्य को 3 सीटें हासिल हुई हैं।

 

नतीजों का विश्लेषण यही कहता है कि राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस भले ही सत्ता तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन उसे बड़ी कामयाबी मिली है। थोड़ा भी उलटफेर उसे सत्ता तक पहुंचा सकता था। दिलचस्प बात कि ये नतीजे राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के दो दिन बाद आए हैं और लाजमी तौर पर इसे राहुल के नेतृत्व से जोड़कर भी देखा जाएगा। अगर ऐसा है तो नतीजों को कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों के लिए उत्साहवर्धन माना जा सकता है। खासकर तब जबकि अगले साल राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2019 में आम चुनाव होने हैं। साफ है, गुजरात में बेहतर परफॉर्म करने वाले राहुल अपने हिसाब से जमावट तैयार करेंगे। 



कांग्रेस के लिए कितना महत्व रखता है ये चुनाव ?


2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस के प्रदर्शन में लगातार कमी आई। कांग्रेस एक के बाद एक कई चुनाव हारी। मोदी लहर में न केवल कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता खोई बल्कि उसके बाद कई राज्यों में भी सरकार से हाथ धो बैठी। महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, राजस्थान, उत्तराखण्ड में कांग्रेस ने अपनी सत्ता गवा दी। ऐसे में यदि कांग्रेस पीएम मोदी के गृह राज्य में बीजेपी को बड़ी बढ़त से रोक देना कांग्रेस के लिए 2018 के विधानसभा चुनाव (मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक) और 2019 के लोकसभा चुनाव में नई चुनावी जमीन तलाशने और बीजेपी के साथ मुकाबला करने के लिए मददगार साबित होगा। 

राहुल गांधी ने पिछले कई चुनाव की बागडोर अपने हाथ में संभाली थी। कांग्रेस ने इस बार चुनाव राहुल गांधी और 3 युवाओं जिग्नेश मेवाणी, अल्पेश ठाकुर, और हार्दिक पटेल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। जिस तरह से राहुल इस चुनाव में पूरी ऊर्जा के साथ चुनाव में थे लोगों को गुजरात में बड़े परिवर्तन की उम्मीद थी। ऐसे में कांग्रेस की बढ़त का सेहरा और हिमाचल में सत्ता को गंवा देने का ठीकरा भी उनके सिर पर फूटेगा।
  

राहुल के लिए कैसी होगी आगे की राह ?

लंबे इतजार के बाद राहुल गांधी कांग्रेस के प्रमुख बन गए हैं। अनिच्छुक और पार्ट टाइम पॉलिटिशियन की छवि से बाहर निकलने में गुजरात के परिणाम उनके लिए काफी हद तक मददगार साबित होंगे। गुजरात में जिस आक्रामकता के साथ वो महीनों डटे रहे, उसी तर्ज पर मौजूदा दौर में ये बेहद जरूरी है कि हर राज्य का पार्टी संगठन उनके साथ राडार पर रहे। गुजरात में जिस तरह अशोक गहलोत जैसे विश्वस्त और सुलझे हुए रणनीतिकार को उन्होंने प्रभारी बनाया, आगे भी इसी तरह के सलाहकारों की टीम उन्हें तैयार करनी होगी।

Created On :   18 Dec 2017 8:39 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story