दैनिक भास्कर हिंदी: kabul Gurdwara Attack: केरल का मोहम्मद मोहसीन हमले में शामिल, 2018 में छोड़ा था भारत

March 28th, 2020

हाईलाइट

  • काबुल में गुरुद्वारे पर आत्मघाती हमले का केरल कनेक्शन
  • हमलावार की पहचान मोहम्मद मोहसिन के रूप में हुई
  • केरल का रहने वाला था मोहसिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। काबुल में गुरुद्वारे पर आत्मघाती हमला करने वाले तीन इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकवादियों में से एक का करेल कनेक्शन सामने आया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने हमलावार की पहचान मोहम्मद मोहसिन के रूप में की है जो उसके परिवार की ओर से दी गई जानकारी पर आधारित है। मोहम्मद मोहसिन का परिवार कन्नूर में रहता है। बता दें कि काबुल हमले में 25 लोगों की जान चली गई थी।

मैगजीन में छपी हमलावर की तस्वीर
इस्लामिक स्टेट की एक मैगजीन, अल नाबा ने शुक्रवार को आत्मघाती हमलावरों की तस्वीर प्रकाशित की। जब इस तस्वीर को मोहसिन के माता-पिता ने देखा तो वो उनके बेटे को पहचान गए। मुहसिन की मां ने यह भी दावा किया है कि उन्हें कल मोहसिन के आईएस सहयोगी से टेलीग्राम पर एक संदेश मिला था कि उनके बेटे ने काबुल हमले में शहादत प्राप्त की है। हालांकि, जब केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने उन्हें संदेश दिखाने के लिए कहा तो मोहसिन की मां ने बताया कि उन्होंने इस संदेश को डर के चलते हटा दिया है।

काबुल हमला कश्मीर का बदला
एक दिन पहले, आईएस से जुड़े अमाक समाचार एजेंसी ने एक बयान जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि यह हमला कश्मीर का बदला है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि केरल से आईएस में शामिल होने वाले दो मोहम्मद मोहसिन हैं। जुलाई 2019 में अमेरिका की एयर स्ट्राइक में मोहसिन मारा गया था। वह मुहसिन मालाप्पुरम के एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट था जो 2017 में आईएस में शामिल हुआ था।

दुबई के जरिए पहुंचा अफगानिस्तान
खुफिया सूत्रों ने कहा, काबुल गुरुद्वारे पर हमला करने वाला मोहसिन, कासरगोड जिले के त्रिक्कारिपुर का हैं, और 2018 में खुरासान प्रांत में आईएस में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान चला गया। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि वह 2018 में दुबई के लिए रवाना हुआ था और वहां से अफगानिस्तान पहुंच गया। उसका परिवार कन्नूर में रहता है।

क्या NIA को सौंपा जाएगा मामला?
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इस मामले को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंपना है या नहीं अभी इसका फैसला नहीं लिया गया है। एनआईए के संशोधित अधिनियम के अनुसार, अगर कोई भी पीड़ित भारतीय है, तो केंद्रीय एजेंसी विदेशों में एक आतंकवादी हमले की जांच कर सकती है।