राजस्थान: गुर्जर आंदोलन से एक दिन पहले 14 बिंदुओं पर बनी सहमति, सरकारी नौकरी में 5% मिलेगा आरक्षण
- आंदोलन में मारे गए 3 परिवारों को मिलेगी नौकरी
- आरक्षण की मांग को लेकर कल से आंदोलन होना था
- पिछले गुर्जर आंदोलन के केस वापस लेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में रविवार से शुरू होने वाला गुर्जर आंदोलन स्थगित हो गया है। राज्य की गेहलोत सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच शनिवार को जयपुर में हुई 6 घंटे की बातचीत में 14 बिंदुओं पर सहमति बन गई है और गुर्जर नेताओं की जो मांग थी। उसमें से ज्यादातर मांगें सरकार ने मानने का भरोसा दिया है। सरकार 5 फीसदी गुर्जर आरक्षण देने को राजी हो गई है। गुर्जर नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को सरकार के साथ वार्ता की। इस वार्ता में दोनों पक्षों के बीच 14 बिंदुओं पर सहमति बनी। बैठक में शामिल हुए गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि इससे समाज संतुष्ट होगा और आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हालांकि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा है कि जिन गुर्जर नेताओं से सरकार ने वार्ता की है, कल (रविवार) वह सुबह आंदोलन स्थल पीलू पर आकर सरकार से हुई वार्ता के बारे में बातचीत करेंगे और फिर समाज जो फैसला लेगा। उसके साथ हम लोग हैं। हमारी सरकार से कुछ मांगें हैं जिसके लिए हम आंदोलन कर रहे थे और अगर सरकार मांगें मान लेती है तो हम आंदोलन वापस ले लेंगे।
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि सरकार को 14 बिंदुओं पर तय समय के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए़ ताकि आगे आंदोलन की राह न पकड़नी पड़े। उन्होंने कहा कि समाज संतुष्ट होगा तो आगे आंदोलन नहीं होगा। बैठक में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह की गैरमौजूदगी पर हिम्मत सिंह ने कहा कि यदि समाज संतुष्ट होता है तो बैंसला भी संतुष्ट होंगे।
उल्लेखनीय है कि बैंसला ने समाज के लोगों से एक नवंबर यानी कल रविवार को बयाना के पीलूपुरा पहुंचने को कहा है। इस बीच संभावित आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है। कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं, राज्य के गृह विभाग ने भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ व करौली जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है।
बैठक में इन मुद्दों पर बनी सहमति
बैठक में तय हुआ कि गुर्जर आंदोलन के दौरान मारे गए तीन लोगों को पांच लाख रुपये और घर वालों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। सरकार के साथ गुर्जर आंदोलन के समय 2011 में हुए समझौते का पालन किया जाएगा। 2018 में जो विशेष पिछड़ा वर्ग की भर्तियों के पद बचे हैं उन पर भी गुर्जरों को आरक्षण दिया जाएगा। 1252 पदों पर नियमित वेतनमान श्रृंखला के तहत सरकारी नौकरी विशेष आरक्षण कोटे के तहत दी जाएगी।
सरकारी नौकरियों में बैकलॉग में भी गुर्जर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार गुर्जर आंदोलनकारी नेताओं के खिलाफ दायर मुकदमे वापस लेने के लिए भी अदालत में में पहल करेगी। सरकार पांच फीसदी गुर्जर आरक्षण देने को भी राजी हो गई है। पांच फीसदी गुर्जर आरक्षण को किसी अदालत में चुनौती न दी जा सके इसके लिए राजस्थान सरकार गुर्जर आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के सामने रखेगी।
Created On :   31 Oct 2020 11:26 PM IST