कर्तव्यपालन में जीवन बलिदान करने वाले 5 भारतीयों का सम्मान
- कर्तव्यपालन में जीवन बलिदान करने वाले 5 भारतीयों का सम्मान
संयुक्त राष्ट्र, 1 जुलाई (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र ने उन पांच भारतीयों को सम्मानित किया है जिन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
इनमें सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल हैं जिन्होंने साथी शांति सैनिक को डूबने से बचाने में अपनी जान दे दी थी। इनके साथ चार और भारतीयों को सम्मानित किया गया जिन्होंने बीते वर्ष संयुक्त राष्ट्र की सेवा करते हुए अपनी जान दे दी थी।
इनके सम्मान में मंगलवार को हुए समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, हमारे कई सहयोगी सेवा के लिए बेहद जोखिम भरे क्षेत्र चुनते हैं जो दुनिया के सबसे कमजोर लोगों की मदद की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह तमाम लोग शांति, आश्रय, भोजन, टीकाकरण और बहुत कुछ अन्य के लिए हम पर भरोसा करते हैं।
कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के कारण संयुक्त राष्ट्र का यह वार्षिक समारोह ऑनलाइन आयोजित किया गया।
ऑपरेशन सपोर्ट के अवर महासचिव अतुल खरे ने कहा, हमारे दोस्तों और सहयोगियों ने मानवता की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी विरासत जिंदा रहेगी क्योंकि हम संयुक्त राष्ट्र के मानवता के लिए किए जाने वाले कामों को जारी रखेंगे।
समारोह में कुल 77 नागरिकों और सैन्य कर्मियों को सम्मानित किया गया जिनकी मृत्यु पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की सेवा के दौरान हो गई थी।
इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी भी शामिल हैं। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में किवु नहर में डूब रहे अपने एक सहयोगी को बचाने की कोशिश में उनकी जान चली गई थी। वह डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र के स्थिरीकरण कार्यक्रम के साथ संबद्ध शांति सैनिक थे।
सम्मानित किए गए चार अन्य दिवंगत भारतीयों में इजराइल और सीरिया के बीच गोलन हाइट्स में संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक बल (यूएनडीओएफ) के जॉनसन बेक, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफएल) के हवलदार रमेश सिंह, दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) के मेजर रवि इंद्र सिंह संधू और हवलदार लाल मनोत्रा तरसेम शामिल हैं।
यह सभी इससे पहले संयुक्त राष्ट्र का डैग हैमरस्कॉल्ड मेडल प्राप्त कर चुके थे।
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत सबसे बड़ा सैन्य योगदानकर्ता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने मई में अंतर्राष्ट्रीय शांति रक्षक दिवस के अवसर पर कहा था, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत को दीर्घकालिक योगदान की कीमत चुकानी पड़ी है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के किसी भी अन्य सदस्य देश की तुलना में अधिक शांति सैनिक खोए हैं।
Created On :   1 July 2020 5:00 PM IST