अमेरिका में राहुल : बर्कले के बाद अब प्रिंस्टन में मोदी पर निशाना

How India China do would fundamentally shape the world Rahul Gandhi
अमेरिका में राहुल : बर्कले के बाद अब प्रिंस्टन में मोदी पर निशाना
अमेरिका में राहुल : बर्कले के बाद अब प्रिंस्टन में मोदी पर निशाना

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुलाकात कर छात्रों से बातचीत की। इस बातचीत के दौरान राहुल मोदी सरकार की जमकर किरकिरी की। उन्होंने कहा कि आज देश में असहिष्णुता और बेरोजगारी मुख्य मुद्दा है जिस कारण भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए साफ कहा कि मोदी सरकार रोजगार पैदा करने में नाकाम रही है। राहुल ने कहा कि ध्रुवीकरण भारतीय राजनीति के लिए बड़ी चुनौती है।

30000 बेरोजगार युवकों के लिए सिर्फ 450 नौकरियां
राहुल ने राजनीतिक प्रणाली के केंद्रीकरण और रोजगार सृजन में कमी को मौजूदा भारत की केंद्रीय समस्या बताते हुए कहा, "जितनी नौकरियां पैदा होनी चाहिए थी, नहीं हुई हैं। रोजगार पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती है। हर दिन बाजार में 30,000 बेरोजगार युवक आ रहे हैं। लेकिन नौकरियां सिर्फ 450 पैदा हो पा रही हैं।" 

"मेक इन इंडिया" बिजनेसमैन के लिए है
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने "मेक इन इंडिया" योजना शुरू की है। लेकिन, "मेरे ख्याल से मेक इन इंडिया का लक्ष्य छोटे-छोटे उद्योगों को लाभ पहुंचाना होना चाहिए था,लेकिन इसके तहत अभी बड़े उद्योगों को टार्गेट किया जा रहा है।"

कानून निर्माण की प्रक्रिया पारदर्शी हो
देश के राजनीतिक माहौल पर राहुल ने कहा, "राजनीतिक प्रणाली का केंद्रीयकरण आज की तारीख में भारत की केंद्रीय समस्या है। कानून निर्माण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है। इसे मैं पार्टी के अंदर लागू करने की कोशिश भी करता रहता हूं। लेकिन सभी को यह पसंद नहीं आता, क्योंकि यह शांति भंग करने वाला है।" 
उन्होंने यह भी कहा, "विकेन्द्रीकरण हमेशा अच्छा होता है। लेकिन बात सिर्फ विकेन्द्रीकरण की नहीं है, बल्कि सही मात्रा में और उचित स्तर पर विकेन्द्रीकरण की जरूरत है।"
 
चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी
चीन के बारे में बात करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हमें यह महसूस करने की जरूरत है कि चीन तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और हमें इसके अनुसार रणनीति तैयार करनी होगी। हमें चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है। चीन का स्पष्ट दृष्टिकोण है। क्या भारत में एक समान दृष्टि है?

भारत ने भारी संख्या में लोगों को गरीबी से बहार निकला है
राहुल ने कहा कि पूरी दुनिया से तुलना करें तो बीते कुछ दशक में भारत जितनी बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर लाने में सफल रहा है, उतना और कोई देश नहीं। राहुल ने फंडामेंटल स्ट्रक्चर की समस्या पर अपनी चिंता भी जाहिर की। राहुल ने कहा कि भारत में जब भी बड़े बदलाव हुए हैं तो उन बदलावों के पीछे प्रवासी भारतीयों की बड़ी भूमिका रही है।

राहुल इन दिनों दो सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर हैं। उन्होंने यहां विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (सीएपी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इस दौरान भारत और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञों जैसे सीएपी प्रमुख नीरा टंडन, भारत में अमेरिकी राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा और हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान के सलाहकार रहे जॉन पोडेस्टा के साथ मौजूदा मसलों पर विचार-विमर्श किया।

राहुल ने पिछले सप्ताह अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित किया था और वहां देश के ताजा हालात तथा वंशवाद जैसे विषयों पर अपने विचार रखे थे जिसके कारण वह जबरदस्त चर्चा में रहे। 

Created On :   20 Sep 2017 4:23 AM GMT

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