वायुसेना का ग्रुप कैप्टन गिरफ्तार, हनीट्रैप का शिकार होकर लीक किए सीक्रेट्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन को खुफिया सूचनाएं लीक करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने हनीट्रैप के जरिए ग्रुप कैप्टन से खुफिया जानकारी हासिल की। ग्रुप कैप्टन का नाम अरुण मारवाह है। वह फेसबुक के जरिए दो महिलाओं के संपर्क में आया था। चैटिंग के दौरान दोनों एक दूसरे को अश्लील मैसेज भेजते थे। इसके बाद में वह खुफिया जानकारी वॉट्सएप के जरिए भेजने लगा। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि वायुसेना मुख्यालय में तैनात एक कैप्टन को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से इसकी शिकायत की थी।
पुलिस अधिकारी अमूल्य पटनायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल सेल को इसकी जांच सौंप दी। वहीं दोपहर बाद पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत की अदालत में पेश किया गया। स्पेशल सेल ने आरोपी का मोबाइल भी जब्त कर लिया है। स्पेशल सेल कैप्टन से पूछताछ कर लड़की बनकर भेंट करने वाले आइएसआइ एजेंट व कौन-कौन से गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया कराए गए हैं, इस बारे में पता लगा रही है।
ISI की हनीट्रैप साजिश नाकाम, भारतीय अफसरों पर थी नजर
10 दिन होती रही पूछताछ
ग्रुप कैप्टन पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। आरोपी कैप्टन को पांच दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है। इस मामले में वायुसेना ने बड़े स्तर पर जांच की है। सेना के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किया गया वायुसेना का अधिकारी गैरकानूनी तरीके से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा था जो नियमों के खिलाफ था। अधिकारी के "अवांछित" गतिविधियों का पता उस समय चला जब विभाग रूटीन काउंटर इंटेलिजेंस सर्विलांस कर रहा था।
इंडिया की फीमेल जेम्स बॉन्ड के नाम से मशहूर जासूस को पुलिस ने किया अरेस्ट
हनी ट्रैप का सहारे ISI ले रहा जानकारी
बताते चलें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही है। इसमें जवानों को मोहरा बनाया जा रहा है। साल 2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को अरेस्ट किया गया था। बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था। उसे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था। उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था। जिसकी छानबीन में पता चला था कि मामले की शुरुआत फेसबुक चैटिंग से हुई थी। पाकिस्तानी एजेंट उससे फेक फेसबुक अकाउंट के जरिए बातचीत करती थी। पाकिस्तानी महिला एजेंट ने रंजीत को जॉब ऑफर करने के बहाने संपर्क किया था।
सेना में सोशल मीडिया के लिए है नियम
सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त कानून है। इसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है। उन्हें वर्दी में अपनी तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी है। बता दें इससे पहले भी पाकिस्तान तीन भारतीय अफसरों को इस जाल में फंसाने की कोशिश कर चुका है। तीनों अधिकारी पाकिस्तान में ही थे, लेकिन जैसे ही उन्हें इस बात की भनक लगी, उन्होंने भारत में अपने अधिकारियों को संपर्क कर पूरी बात बताई और वापस इंडिया आ गए। भारतीय अधिकारी पाकिस्तान में भाषा विभाग में कार्यरत हैं। इन अधिकारियों का काम भारत से आने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों का अनुवाद करना था।
Created On :   9 Feb 2018 8:16 AM IST