PNB फ्रॉड : ICICI-Axis बैंक की CEO से होगी पूछताछ, चौकसी को पैसे देने का है आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 12,700 करोड़ रुपए के घोटाले में अब एक नया एक्शन लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) की तरफ से ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर और एक्सिस बैंक की CEO शिखा शर्मा को पूछताछ के लिए समन भेजा है। दरअसल, मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि ग्रुप को कई बैंकों ने लोन दिया था, जिसमें ये दोनों बैंक का नाम भी शामिल है। इसके अलावा CBI ने मंगलवार को गीतांजलि ग्रुप्स के वाइस प्रेसिडेंट विपुल चितालिया को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की।
31 बैंकों ने लोन दिया, जिसमें ये दोनों बैंक भी शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर और एक्सिस बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर शिखा शर्मा को पूछताछ के लिए समन भेजा है। ये समन PNB घोटाले के मामले में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि मेहुल चौकसी के गीतांजलि ग्रुप को 31 बैंकों ने 5280 करोड़ रुपए का लोन दिया था, जिसमें ICICI और एक्सिस बैंक का नाम भी शामिल है। अब इस मामले में दोनों बैकों के चीफ से पूछताछ की जाएगी। इनके अलावा SFIO ने PNB के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील मेहता को भी समन भेजा है।
फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे को बाहर भेजा
दरअसल, SFIO को शक है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने करीब 400 शेल कंपनियां तैयार की और इनके डायरेक्टर्स भी फर्जी बनाए गए। इसके बाद इन कंपनियों का इस्तेमाल पैसों को भारत से बाहर भेजने के लिए किया गया। बताया जा रहा है कि SFIO ने अभी ऐसी ही 110 कंपनियों की लिस्ट बनाई हैं, जिनकी डिटेल्स निकाली जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनिज़ (RoC) की मदद ली जा रही है।
मॉरीशस भी आया साथ में
PNB घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ कार्रवाई करने में अब मॉरीशस भी साथ आ गया है। मॉरीशस के फाइनेंशियल सर्विसेज कमीशन (FSC) ने एक बयान में कहा है कि "पंजाब नेशनल बैंक, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बारे में मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है।" बयान में कहा गया है कि "FSC सभी जानकारियों का आकलन कर रहा है और बैंक ऑफ मॉरीशस, मॉरीशस रेवेन्यू अथॉरिटी और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ मिलकर इस मामले पर करीबी निगाह रखे हुए हैं।" बता दें कि FSC मॉरीशस में नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज की रेगुलेटरी अथॉरिटी है।
क्या है PNB घोटाला?
देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा किया था। हाल ही में PNB ने CBI को 1251 करोड़ रुपए के एक नए फ्रॉड की जानकारी दी है, जिसके बाद इस घोटाले की रकम 11,356 से बढ़कर 12,607 करोड़ पहुंच गई है। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।
Created On :   6 March 2018 2:05 PM IST