राजस्थान के बांसवाड़ा के सरकारी अस्पताल में गई 81 नवजातों की जान

डिजिटल डेस्क,जयपुर। यूपी के गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में सैकड़ों बच्चों की मौत का मामला गरमाया हुआ है, वहीं अब एक और शहर से बच्चों की मौत की खबर झकझोरने वाली है। राजस्थान के बांसवाड़ा में महात्मा गांधी अस्पताल में 51 दिनों में 81 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है। मामला सामने आते ही राजस्थान सरकार हरकत में आ गई और जांच के आदेश दिए गए हैं।
बता दें अस्पताल में बीते 53 दिनों में 81 नवजात बच्चों जानें गईं हैं। इनमें 50 बच्चे जुलाई के महीने में और 31 बच्चे 22 अगस्त तक मौत के मुंह में जा चुके हैं। सभी मृतक नवताज1 से 20 दिनों की उम्र के हैं। पिछले आठ महीनों के आंकड़ों की बात कि जाए तो यहां पर जुलाई माह मे एकाएक मौतों का आंकड़ा काफी हद तकबढ़ गया।
चाइल्ड स्पेशियलिस्ट डॉक्टर रंजना चरपोटा ने बताया कि बच्चों की मौतों के पीछे सबसे बड़ी वजह उनका कमजोर पैदा होना, प्रसव से पहले गर्भवती को सही पोषक ना मिलना है। साथ ही अधिकांश बच्चे जो कि अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में इलाज के लिए पहुंचते हैं उनका वजन डेढ़ किलो से भी कम पाया गया है। प्रसव के पूर्व प्रसुताओं में हिमोग्लोबिन भी कम होता है प्रसव पूर्व देखभाल सही नहीं हो पाने के कारण प्रसव भी समय से पूर्व हो रहे हैं। इस स्थिति मे बचने कि गुंजाइश कम हो जाती है।
बांसवाड़ा जिले में डॅाक्टरों के 33 पद खाली हैं। आदिवासी इलाके होने की वजह उनकी बोली समझने में भी डॅाक्टरों को दिक्कत आती है। हालांकि सीएमएचओ ने अपनी रिपोर्ट में अस्पताल की लापरवाही को भी बच्चों की मौत का एक कारण बताया है।
झारखंड और छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में हुई बच्चों की मौत
यूपी के अलावा झारखंड और छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में भी बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं। झारखंड के दो मेडिकल अस्पतालों में भी इस साल अब तक 800 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और इसमें से ज्यादातर मौतें इंसेफ्लाइटिस की वजह से हुई हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों रायपुर के अंबेडनगर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन न मिलने से 3 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया था।



Created On :   2 Sept 2017 9:48 AM IST