देश के 33% सांसद-विधायकों पर आपराधिक मामले : रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। क्या हमारे जनप्रतिनिधि वाकई हमारा नेतृत्व करने की काबिलियत रखते हैं ? हमारे वोटों से जो विधायक और सांसद चुने जाते हैं क्या वो सच में इन पदों के लायक हैं? दरअसल एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) नाम की संस्था ने एक रिपोर्ट पेश की है। जिसको देखकर आपको लगेगा कि सत्ता की बागडोर लगभग आपराधिक वर्ग के हाथों में है।
इस रिपोर्ट के अनुसार जनता जिन सांसदों और विधायकों को चुनकर नियम बनाने के लिए संसद और विधानसभा में भेजती है, उनमें से लगभग हर तीसरे जनप्रतिनिधि पर खुद ही अपराधिक मुकदमा दर्ज है। जी हां, देश के 33 फीसदी सांसद और विधायक आपराधिक बैकग्राउंड वाले हैं।
ADR के अध्ययन में जो बातें सामने आई हैं, वह वाकई चौंकाने वाली हैं और दिखाती हैं कि राजनीति में अपराधियों का बोलबाला किस तरह से बढ़ता जा रहा है। ADR ने 4852 विधायकों और सांसदों के हलफनामे का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।
रिपोर्ट की मुख्य बातें
महिलाओं के खिलाफ दर्ज हैं अपराधिक केस
देशभर के 51 सांसद और विधायक तो ऐसे हैं जिनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में केस दर्ज हैं। उनमें से 3 सांसद और 48 विधायक हैं। यह किसी व्यक्ति के आरोप नहीं है बल्कि यह जानकारी खुद सांसद और विधायकों द्वारा दिए गए हलफनामे से सामने आई है।
ज्यादातर नामी पार्टी के उम्मीदवार हैं अपराधी
334 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ महिलाओं के प्रति अपराध के केस दर्ज हैं,लेकिन उन्हें मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों ने टिकट दिया था।
अपराधिक सांसदों की लिस्ट में महाराष्ट्र नंबर 1 पर
हलफनामे के अध्ययन से यह बात सामने आई कि आपराधिक छवि वाले सबसे ज्यादा सांसद और विधायक महाराष्ट्र में हैं, जहां ऐसे लोगों की संख्या 12 थी। दूसरे और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा हैं।
इस मामले में बीजेपी अव्वल
आपकों बता दें कि BJP के जनप्रतिनिधियों के ऊपर सबसे अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं, इसके 14 सांसदों, विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर शिवसेना है जिसके 7 जनप्रतिनिधियों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं और तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है।
देश के विकास में बलात्कारी विधायक भी हैं भागीदार
चार विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज है। यह चारो विधायक आंध्र प्रदेश, गुजरात, उड़ीसा और बिहार से हैं। साथ ही पिछले 5 सालों में मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों ने 29 ऐसे लोगों को टिकट दिया, जिनके खिलाफ बलात्कार के मुकदमे दर्ज हैं।
Created On :   31 Aug 2017 12:39 PM IST