इस अस्पताल में वॉर्ड बॉय ने खतरे में डालीं कई जानें, आधी रात को डॉक्टर ने संभाली स्थिति
डिजिटल डेस्क जबलपुर । जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बड़ा हादसा टल गया । ऑक्सीजन सप्लाई थमने पर कई मरीजों की जान जा सकती थी । अधीक्षक ने रात एक बजे ताला तोड़ आपूर्ति सामान्य कराई। गौर तलब है कि छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में पिछले दिनों डॉक्टर की लापरवाही से एक जीवित व्यक्ति का पोस्टमार्टम होने से बचा, वहीं जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अधीक्षक की सजगता से कई लोगों की जान जाने से बची। यह दोनों ही घटनाएं चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही की मिसाल हैं, जहां एक स्वीपर की सजगता से व्यक्ति जीते जी पोस्टमार्टम से बचा तो दूसरी ओर एक वार्ड ब्वॉय की लापरवाही से कई गंभीर मरीजों की जान पर बन आई।
मेडिकल कालेज अस्पताल में बीती रात ़12.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक वार्डों में लगे ऑक्सीजन सप्लाई अलार्मों के बजने से दहशत और भगदड़ का माहौल बन गया। इन अलार्मों के बजने का संकेत था की ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम हो रहा है और कुछ देर में ही गैस बंद हो जाएगी। जिन मरीजों को ऑक्सीजन या वेंटीलेटर पर रखा गया था, उनके परिजनों की हालत बेजान जैसी हो गई, वहीं अस्पताल स्टाफ भी मामले की गंभीरता भांपते हुए सकते में आ गया। कुछ देर और हो जाती तो एक कर्मचारी की लापरवाही से एक दर्जन मरीजों की जान जा सकती थी। अस्पताल में बीती रात सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई सेंटर में तैनात वार्ड ब्वॉय ताला लगाकर मौज मस्ती करने चला गया। कई वार्डों में सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन का प्रेशर कम हुआ तो वार्डों में लगे इमरजेंसी अलार्म बज उठे। लगातार बजते अलार्म से परिजन परेशान हो उठे, इस दौरान मौजूद स्टाफ इसे सामान्य मानकर चल रहा था कि कंट्रोल सेंटर में कर्मचारी सिलेण्डर बदलेंगे।
वार्ड ब्वॉय सस्पेंड - इस गंभीर लापरवाही पर अस्पताल प्रबंधन ने दोषी वार्ड ब्वाय को निलंबित कर दिया है। अधीक्षक डॉ. राजेश ितवारी ने बताया कि इस तरह की लापरवाही से मरीजों की जान जा सकती है।
इन वार्डों में रही अफरातफरी
रात करीब 12.30 बजे की इस घटना पर जब गायनिक आईसीयू, स्वाइन फ्लू तथा अन्य वार्डों में अफरातफरी का माहौल रहा। इसकी सूचना ऑक्सीजन रूम में देने कर्मचारी पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला। उस समय ड्यूटी कर रहे वार्ड ब्वॉय जिसका नाम पदम परोचिया बताया जा रहा है को फोन लगाया गया, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया। आनन-फानन में स्टाफ ने इस घटनाक्रम की जानकारी अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी को दी।
अधीक्षक ने बदलवाए सिलेण्डर
मामले की गंभीरता को भांपते हुए अधीक्षक डॉ. तिवारी रात एक बजे के करीब अस्पताल पहुंचे और सबसे पहले उन्होंने ताला तुड़वाया। अधीक्षक ने ऑक्सीजन प्रेशर को संतुलित कराया तब जाकर वार्डों में बज रहे अलार्म बंद हुए। सेंट्रल सप्लाई में ऑक्सीजन के 4-4 जंबो सिलेण्डर के पैनल रहते हैं, जिनमें एक निश्चित प्रेशर से गैस भेजी जाती है।
यह अच्छा था कि चाबी छोड़ गया 7 ऑक्सीजन सिलेण्डर के प्रेशर को बढ़ाने के लिए खास चाबी का इस्तेमाल किया जाता है। अमूमन रूम में तैनात स्टाफ इस चाबी को अपने पास रखता है क्योंकि उसका बार-बार उपयोग करना होता है। ताला तोडऩे के बाद जब अधीक्षक व अन्य स्टाफ अंदर गए तो सबसे पहले इसी चाबी की तलाश हुई, वहां मौजूद लोगों का कहना था कि यह गनीमत ही थी कि वार्ड ब्वॉय चाबी वहीं छोड़ गया था, वर्ना सप्लाई सुचारु करना मुश्किल होता। स्थिति सामान्य होने के बाद वार्ड ब्वाय नशे की हालत में वहां पहुंचा।
इनका कहना है
बहुत ही लापरवाही की बात है, हमारा पेशा हर समय चौकन्ना रहने वाला है। वार्ड ब्वॉय बाद में लौटा तो शराब के नशे में धुत था। ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने की स्थिति में मरीजों की जान भी जा सकती थी। गैस का प्रेशर कम होने पर अलार्म बजता है, जिसका यह अर्थ होता है कि उसे मेनटेन किया जाए। वार्ड ब्वॉय को सस्पेंड कर दिया है।
-डॉ. राजेश तिवारी, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल
Created On :   9 March 2018 1:57 PM IST