भारत-फ्रांस के बीच हुआ यह समझौता रोकेगा साउथ चाइना सी में चीन का दबदबा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन इन दिनों 4 दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। शनिवार को भारत और फ्रांस के बीच रेल, उच्च शिक्षा, रक्षा, पर्यावरण और अंतरिक्ष सहित 14 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इन समझौतों में हिन्द महासागर में अपने दबदबे को बढ़ाने के लिए भी भारत ने फ्रांस के साथ एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बताया जा रहा है कि भारत ने यह समझौता चीन को ध्यान में रखते हुए किया है। भारत ने फ्रांस के साथ सैन्य सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इन समझौतों के तहत दोनों देश अपने नेवल बेस को एक-दूसरे के युद्धपोतों के लिए खोलेंगे। बता दें कि चीन कई सारे छोटे देशों को अपने साथ में मिलकर साउथ चाइना सी व हिन्द महासागर पर अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए इस समझौते को काफी अहम समझौता माना जा रहा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी भले ही 20 साल पुरानी क्यूं न हो, लेकिन दोनों देशों की सभ्यताओं की आध्यात्मिक पार्टनरशिप वर्षों पुरानी है। हम ऐसा मानते हैं कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के उज्जवल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम है हमारे लोगों के बीच संवाद। डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया के तहत निवेश करने के फ्रांस के फैसले का हम स्वागत करते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास बड़ी समुद्री शक्ति है और भारत को वह मजबूत साझेदार के तौर पर देखते हैं।
किन किन क्षेत्रों में हुए हैं समझौते
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन और नरेंद्र मोदी के बीच 14 द्विपक्षीय समझौते हुए हैं। जिनमे ऑर्म्ड फोर्स में लॉजिस्टिक सपोर्ट , स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सहयोग, माइग्रेशन और मोबिलिटी, पार्टनरशिप, एजुकेशन,गोपनीय जानकारी को तीसरे पक्ष को साझा नहीं करना, मैरीटाइम अवयेरनेस मिशन, इंडो-फ्रांस रेलवे फोरम का गठन , ड्रग्स की तस्करी और उसकी रोकथाम, अर्बन डेवलपमेंट, न्यूक्लियर पावर में सहयोग, पर्यावरण, हाइडोग्राफी और मैरीटाइम कार्टोग्राफी में सहयोग,रेलवे में तकनीकी सहयोग बढ़ाना और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में समझौते किये गए हैं।
Created On :   11 March 2018 12:39 AM IST