26/11 आतंकी हमले के बाद भारत ने बढ़ाई तटीय सुरक्षा

India increased coastal security after 26/11 terror attack
26/11 आतंकी हमले के बाद भारत ने बढ़ाई तटीय सुरक्षा
26/11 आतंकी हमले के बाद भारत ने बढ़ाई तटीय सुरक्षा
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नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों के मुंबई पर हमले के 12 साल हो गए हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने समर्थन दिया था। इस हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे।

सन् 1993 में समुद्री मार्ग से विस्फोटक आए थे और 2008 के हमले में आतंकी आए थे। इस हमले के जख्म हमेशा रहेंगे, लेकिन 26/11 हमलों ने देश की तटीय सुरक्षा में खासे बदलाव की जरूरत समझा दी थी।

नेशनल कमेटी फॉर कोस्टल एंड मेरीटाइम सिक्योरिटी (एनसीएसएमसीएस) ने 2009 में, स्टीयरिंग कमेटी फॉर रिव्यू ऑफ कोस्टल सिक्योरिटी (एससीआरसीएस) ने 2013 में और स्टेट एंड डिस्ट्रिक्ट लेवल कोस्टल सिक्योरिटी कमेटीज ने कई पहल कीं थीं।

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, हालांकि बहुप्रतीक्षित एकल-बिंदु शीर्ष स्तरीय निकाय, जिसे नेशनल मेरीटाइम अथॉरिटी (एनएमए) ने प्रस्तावित किया था, वो अब तक नहीं बनी है। भारतीय नौसेना ने इंटर-एजेंसी सेट-अप बनाया है और 12 साल में इसे आगे भी बढ़ाया है।

इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम मुंबई, कोचीन, विशाखापत्तनम और पोर्ट ब्लेयर में संयुक्त संचालन केंद्र (जेओसी) का निर्माण था, जो केंद्रीय और तटीय राज्य सरकारी एजेंसियों के तटीय सुरक्षा प्रयासों के लिए एक कमांडर-इन-चीफ के तहत काम करती है। वहीं 100 से अधिक फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट (एफआईसीएस) के साथ सागर प्रहरी बाल (एसपीबी) की स्थापना ने अधिकांश प्रमुख बंदरगाह की सुरक्षा बढ़ा दी है।

तकनीकी तौर पर मजबूती बढ़ाने के लिए हार्बर डिफेंस सर्विलांस सिस्टम की स्थापना की गई जो विभिन्न सेंसर को निगरानी और विश्लेषण के लिए उपलब्ध कराता है।

भारतीय नौसेना राष्ट्र की प्रमुख समुद्री एजेंसी है और वह तटरक्षक और तटीय सुरक्षा में शामिल अन्य संगठनों के साथ घनिष्ठ समन्वय का काम करती है। समुद्री पुलिस को भी तटीय राज्य सशक्त बना रहे हैं।

अधिकारी ने कहा, गुजरात के ओखा के पास बनाया जा रहा नेशनल एकेडमी ऑफ कोस्टल पुलिसिंग, समुद्री पुलिस को समुद्री कानूनों, सीमेनशिप, वोट-वर्क, नेविगेशन, हथियार-हैंडलिंग, नेविगेशन के उपयोग और निगरानी उपकरणों आदि का प्रशिक्षण देने के लिए एक अद्वितीय संस्थान होगा।

वहीं सरकार ने पूरी समुद्री सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए समुद्री जल रोधी विधेयक, समुद्री मत्स्य पालन (विनियमन और प्रबंधन) विधेयक और व्यापारी नौवहन विधेयक लाए हैं, हालांकि अभी ये लंबित हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा, नेशनल कमांड कंट्रोल कम्युनिकेशन एंड इंटेलिजेंस (एनसीथ्रीआई) नेटवर्क की स्थापना की गई है, जो नौसेना और तटरक्षक स्टेशनों को इंटरलिंकिंग की सुविधा देता है। इसके अलावा भी कई कदम उठाए गए हैं।

देश की तटीय सुरक्षा के लिए इन प्रयासों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए पैन-इंडिया तटीय सुरक्षा अभ्यास सी विजिल पहली बार जनवरी 2019 में किया गया था। बड़े पैमाने पर हुए अभ्यास में सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय नौसेना, तटरक्षक, राज्य समुद्री पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य एजेंसियों के 70 से अधिक जहाजों, 700 क्राफ्ट और 35 विमानों ने हिस्सा लिया था। यह विश्व स्तर का अद्वितीय अभ्यास था।

बुनियादी ढांचे में हुई वृद्धि, प्रक्रियाओं में सुधार के चलते समुद्र के जरिए नशीले पदार्थो और विस्फोटकों की तस्करी समेत कई तरह के नापाक प्रयासों को विफल करना इन एजेंसियों के समन्वय की सफलता को दर्शाता है।

हाल ही में मीडिया को दिए बयान में नौसेना स्टाफ के डिप्टी चीफ, वाइस एडमिरल एम.एस.पवार ने अपने देशवासियों समेत सभी हितधारकों को समुद्र से आतंकवाद के खतरे को बेअसर करने के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया था।

एसडीजे/एसजीके

Created On :   25 Nov 2020 5:00 PM IST

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