भारत न पहले कमजोर था, न आज है : कमलनाथ

India was neither weak before nor is it today: Kamal Nath
भारत न पहले कमजोर था, न आज है : कमलनाथ
भारत न पहले कमजोर था, न आज है : कमलनाथ

भोपाल, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्घ के विजय दिवस पर अमर शहीदों को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए सोमवार को कहा कि भारत देश न पहले कमजोर था और न ही आज कमजोर है।

राजधानी के शौर्य स्मारक पर आयोजित विजय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, विजय दिवस पर हम सब को यह याद रखना चाहिए कि सभी नागरिकों को चाहे वे किसी भी मजहब, जाति या पंथ को मानने वाले हों, सबका यह कर्तव्य है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत बनाएं। अपने शहीदों का गुणगान करें।

मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर अपने संदेश में कहा, 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्घ एक सैन्य संघर्ष था। यह संघर्ष तीन दिसंबर, 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर को ढाका में पाक सेना के समर्पण के साथ समाप्त हो गया। इस युद्घ की शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत की वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले किए थे। इसमें भारतीय सेना का पाकिस्तान से पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर संघर्ष हुआ। भारतीय सेना ने पाक सेना को दोनों मोर्चो पर परास्त किया। हताश पाकिस्तानी सेना समर्पण के लिए मजबूर हुई। इसी के साथ पूर्वी पाकिस्तान एक नए देश बांग्लादेश के रूप में स्थापित हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा, इसी जीत को हम आज विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। यह युद्घ दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व और अद्वितीय राष्ट्रवाद की अद्भुत मिसाल होने के साथ-साथ भारतीय जांबाज सैनिकों के अदम्य शौर्य का प्रतीक है। इस युद्घ में पाकिस्तान के 93000 सैनिक घुटने टेकने पर मजबूर हुए और उन्हें समर्पण करना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने इस अभूतपूर्व विजय के दो कारण बताए, एक कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री भारतरत्न इंदिरा गांधी का ²ढ़ संकल्प और राजनीतिक नेतृत्व और दूसरा कारण था भारतीय थल सेना अध्यक्ष और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल एच.एच.एफ .जे. सैम मानेकशॉ का कुशल रणनीतिक नेतृत्व।

मुख्यमंत्री ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 16 दिसंबर, 1971 को संसद में दिए गए वक्तव्य का प्रमुख अंश दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था, मुझे एक घोषणा करनी है कि पश्चिमी पाकिस्तान की सेना ने बिना शर्त समर्पण कर दिया है। यह संसद और समूचा राष्ट्र इस ऐतिहासिक घटना पर खुशी से झूम रहा है। हमें अपनी थलसेना, नौसेना और वायुसेना तथा सीमा सुरक्षा बल पर गर्व है, जिन्होंने अत्यंत शानदार तरीके से अपनी गुणवत्ता और क्षमता का प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, 1971 की इस जीत ने भारत को एक अंतर्राष्ट्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया। इससे देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पूरे विश्व में ²ढ़ता के साथ निर्णय लेने वाली आयरन लेडी के रूप में पहचान मिली।

Created On :   16 Dec 2019 8:00 AM GMT

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