जामिया हिंसा की जांच महत्वपूर्ण चरण में : केंद्र

Jamia violence investigation in critical phase: Center
जामिया हिंसा की जांच महत्वपूर्ण चरण में : केंद्र
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि 15 दिसंबर को हुई जामिया हिंसा की जांच महत्वपूर्ण चरण में है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर व मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल की अध्यक्षता वाली दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ को बताया, जांच महत्वपूर्ण चरण में है। इसे एक उचित स्थिति तक पहुंचने दें, क्योंकि यह अधिक समग्र ²ष्टिकोण प्रदान करेगा और उस पर जवाब दाखिल किया जा सकता है।

अदालत 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई कथित पुलिस बर्बरता और हिंसक झड़पों के संबंध में विभिन्न छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केंद्र और अन्य को पहले के आदेशों का पालन करने और एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्विस ने कहा, जामिया के 93 छात्र घायल हो गए हैं। उन्होंने सीसीटीवी के साथ-साथ संज्ञानात्मक शिकायतें दी हैं। ये शिकायतें उन छात्रों द्वारा की गई हैं, जिन पर पुस्तकालय में बर्बरतापूर्ण हमले किए गए थे। इन सभी शिकायतों पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।

इसका विरोध करते हुए मेहता ने कहा, एक बार जब कोई घटना होती है, तो बहुत सारी एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती हैं, एक एफआईआर के आधार पर जांच की जाती है।

इसके बाद गोंसाल्विस ने जवाब दिया, अगर ऐसा है तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक भी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई?

वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा, अंतिम तिथि पर एक जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए एक आदेश पारित किया गया था। मौखिक बयान पर्याप्त नहीं होंगे। वह जो भी कहेंगे, एक हलफनामे पर होना चाहिए।

इस मामले को अब 29 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

Created On :   4 Feb 2020 7:01 PM IST

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