ये भीड़तंत्र है ! चाकू से गोद दिया शरीर, सिर पर किया हमला

Journalist killed in Tripura while covering protest by Indigenous Peoples Front
ये भीड़तंत्र है ! चाकू से गोद दिया शरीर, सिर पर किया हमला
ये भीड़तंत्र है ! चाकू से गोद दिया शरीर, सिर पर किया हमला

डिजिटल डेस्क, अगरतला। पश्चिमी त्रिपुरा में अगरतला से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित मंडाई में बुधवार दोपहर उग्र भीड़ ने स्थानीय दिन-रात केबल न्यूज चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या कर दी। पुलिस ने शांतनु भौमिक की हत्या के सिलसिले में भाजपा समर्थक इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) पार्टी के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। शांतनु भौमिक मंगलवार को आईपीएफटी और सत्तारूढ़ सीपीएम की ट्राइबल विंग त्रिपुरा राजीर उपजाति गणमुक्ति परिषद (टीआरयूजीपी) के आंदोलन और सड़कजाम की कवरेज के लिए मंडाई गए थे। दोनों पार्टियों के बड़ी संख्या में एकत्र कार्यकर्ता जब हिंसा पर उतारू हो गए तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसी बीच इनमें से कुछ लोगों ने शांतनु भौमिक पर हमला कर दिया और उन्हें निकटवर्ती स्टेडियम के पीछे खींच ले गए। जहां से बाद में उन्हें पुलिस ने मृत अवस्था में बरामद किया।

भीड़ ने पीछे से किया हमला

शांतनु भौमिक के साथ ही समाचार कवरेज के लिए मंडाई गए एक अन्य पत्रकार ने बताया कि घटनास्थल पर बड़ी संख्या में दोनों पक्षों के लोग एकत्र थे। हिंसा पर उतारू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया। इसी बीच भौमिक पर भीड़ ने पीछे से हमला कर दिया। पहले उनके पैरों पर लाठी से वार किए गए। जब वह गिर गए तो हिंसा पर उतारू भीड़ ने भौमिक के सिर पर वार किए। इसके बाद हमलावरों ने दोपहर लगभग 12.30 बजे उनका शरीर खींच कर एक स्थानीय स्टेडियम के पीछे छिपा दिया। बाद में पुलिस ने शांतनु भौमिक को स्टेडियम के पीछे से खोजा और अगरतला स्थित जीबी हास्पिटल भेजा, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

त्रिपुरा के डीआईजी अरिंदमनाथ ने बताया शांतनु भौमिक की हत्या के सिलसिले में आईपीएफटी के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या के बाद राज्य में पत्रकारों ने बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराया, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। त्रिपुरा जर्नलिस्ट एसोसिएशन (टीजेयू) ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। अगरतला प्रेस क्लब और त्रिपुरा वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन (टीडब्ल्यूजेए) ने इस घटना के विरोध में अगरतला में शांतिपूर्ण मार्च निकाला। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने घटना की निंदा की है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मंडाई में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है।

एक माह में दो पत्रकारों की हत्या
एक माह के भीतर यह दूर से पत्रकार की हत्या है। कुछ दिन पहले कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की भी कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कन्नड़ में साप्ताहिक पत्रिका निकालने वाली गौरी लंकेश दक्षिण पंथियों और नक्सलियों दोनों के निशाने पर थीं। अपने पत्रिका में वे कट्टर हिंदुत्व की लगातार आलोचना किया करती थीं। इसके साथ ही उन्होंने अनेक नक्सली युवकों को मुख्यधारा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया था। जिसकी वजह से नक्सलियों का एक वर्ग उनका आलोचक हो गया था। गौरी लंकेश के हत्यारों को अब तक नहीं पकड़ा जा सका है। शांतनु भौमिक की हत्या की पूरे देश के पत्रकारों ने निंदा की है। 

Created On :   21 Sep 2017 3:23 AM GMT

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