अवैध रूप से हिरासत में नहीं कप्पन, वकील से मिलने में कोई आपत्ति नहीं : उप्र सरकार

Kappan not in illegal detention, no objection to meeting lawyer: UP government
अवैध रूप से हिरासत में नहीं कप्पन, वकील से मिलने में कोई आपत्ति नहीं : उप्र सरकार
अवैध रूप से हिरासत में नहीं कप्पन, वकील से मिलने में कोई आपत्ति नहीं : उप्र सरकार
हाईलाइट
  • अवैध रूप से हिरासत में नहीं कप्पन
  • वकील से मिलने में कोई आपत्ति नहीं : उप्र सरकार

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) के उन दावों को नकार दिया जिसमें कहा गया था कि सिद्दीकी कप्पन को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे मेहता ने मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि कप्पन को गिरफ्तार किया गया था और एक सक्षम अदालत ने उसे रिमांड पर भेजा था। उसकी जमानत पर 9 दिन सुनवाई हुई। मेहता ने जोर देकर कहा कि केयूडब्ल्यूजे को हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस बयान को दर्ज किया कि कप्पन से किसी वकील के मिलने पर न तो उसे कोई आपत्ति है और ना ही अदालत में कप्पन का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील के वकालतनामा पर हस्ताक्षर कराने की अनुमति देने में।

इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने केयूडब्ल्यूजे का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा, आपका मुवक्किल पत्रकारों का संघ है न कि आरोपी।

इसी दौरान मेहता ने सिब्बल के बयानों पर भी आपत्ति जताई कि उनके मुवक्किल को पत्रकार से मिलने नहीं दिया गया। मुख्य न्यायाधीश ने सिब्बल से कहा, उत्तर प्रदेश सरकार कह रही है कि कप्पन पर एक निश्चित अपराध का आरोप है और उसे अदालत में पेश किया गया था। यह निवारक कानून के तहत हिरासत में नहीं है।

शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए तय की है। बता दें कि केयूडब्ल्यूजे ने याचिका दायर कर कप्पन की तत्काल रिहाई की मांग की थी, साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के उल्लंघन का हवाला दिया था। इसमें दावा किया गया था कि 5 अक्टूबर को कप्पन को हाथरस के पास टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया था। वह हाथरस में 19 वर्षीय लड़की के साथ कथित दुष्कर्म और मौत पर रिपोर्ट करने जा रहा था। पत्रकार पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए या गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।

एसडीजे-एसकेपी

Created On :   20 Nov 2020 10:00 AM GMT

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