कर्नाटक सरकार का सर्कुलर, मुस्लिम आरोपियों पर लगे केस होंगे वापस
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के सर्कुलर ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। बीजेपी और कांग्रेस ने इस सर्कुलेर को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू कर दी है। दरअसल इस सर्कुलर में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राज्य में साम्प्रदायिक दंगों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया की "अल्पसंख्यंकों को रिझाने के लिए के लिए कांग्रेस घटिया राजनीति कर रही है, जबकि कांग्रेस ने इसे बीजेपी का झूठा प्रचार करार दिया है।
अल्पसंख्यकों को खुश करने की राजनीति
बीजेपी की सांसद शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों को खुश करने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, “अगर ये मुसलमानों को खुश करने की राजनीति नहीं है तो और क्या है? सिद्धारमैया की सरकार सिर्फ वोट लेने के लिए गंभीर मामलों में फंसे लोगों के बचाने की कोशिश कर रही है। हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
सिद्धारमैया की सफाई
कर्नाटक में विपक्ष के नेता केएस ईश्वरप्पा के मुताबिक कांग्रेस की ये "कम्युनल पॉलिटिक्स" है। पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा है कि राज्य में चुनाव से पहले सिद्धारमैया की सरकार डिप्रेशन में चली गई है। वहीं भाजपा पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार किसान और कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी केस वापस ले रही है। उन्होंने कहा कि हमलोग सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि सारे बेकसूर लोगों के खिलाफ केस वापस ले रहे हैं।
ये कहा गया है सर्कुलर में
कर्नाटक की डीजीपी नीलमणि एन. राजू ने शुक्रवार 26 जनवरी को ये सर्कुलर जारी किया है, जिसके तहत राज्य में अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज सांप्रदायिक हिंसा के सभी केस वापस लिए जाएंगे। यह सर्कुलर केवल पिछले पांच सालों के दौरान दर्ज हुए केसों पर ही लागू होगा। ये सर्कुलर इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस शिवप्रकाश ने 22 एसपी और कुछ कमिश्नर को भेजा है।
Created On :   27 Jan 2018 9:40 AM IST